क्या 'भारतीय रेलवे' बोगियों और रेल इंजनों के वैश्विक निर्यातक के रूप में तेजी से उभर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत 27 अंतरराष्ट्रीय सिग्नलिंग परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है।
- नवाचार के लिए बैंगलोर का डिजिटल एक्सपीरियंस सेंटर महत्वपूर्ण है।
- मॉडर्न रेल सिस्टम के लिए भारत की स्थिति मजबूत हो रही है।
- एल्सटॉम के सावली प्लांट का निरंतर विकास हो रहा है।
- 2016 से भारत ने 1,002 रेल कारों का निर्यात किया है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रेल मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुसार, भारत वर्तमान में 27 अंतरराष्ट्रीय सिग्नलिंग परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहा है और दुनिया भर में 40 अन्य परियोजनाओं को सहायता दे रहा है।
बैंगलोर का डिजिटल एक्सपीरियंस सेंटर विश्व स्तर पर 120 से अधिक परियोजनाओं में सहयोग कर रहा है, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है। यह केंद्र आईओटी, एआई, ब्लॉकचेन और साइबर सुरक्षा का उपयोग कर नई पीढ़ी की सिग्नलिंग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
रेल मंत्रालय की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, भारत से निर्यात होने वाले रेल उत्पादों की मांग बढ़ रही है। इसके अंतर्गत, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा को मेट्रो कोच और यूके, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को बोगियां भेजी गई हैं।
इसके अतिरिक्त, फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, स्पेन, जर्मनी और इटली को प्रोपल्शन सिस्टम की सप्लाई की गई है। मोजाम्बिक, बांग्लादेश और श्रीलंका को पैसेंजर कोच तथा मोजाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश और गिनी गणराज्य को रेल इंजनों का निर्यात किया गया है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में वडोदरा, गुजरात में स्थित एल्सटॉम के सावली प्लांट का दौरा किया। यह प्लांट भारत में रेलवे वाहनों के निर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। उन्होंने प्लांट में एल्सटॉम के संचालन की समीक्षा की और रखरखाव प्रक्रियाओं का गहन मूल्यांकन किया।
सावली प्लांट 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहलों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ नियमित लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों के लिए स्टेट-ऑफ-द-आर्ट कम्यूटर और ट्रांजिट ट्रेन कार का निर्माण कर रहा है।
नवाचार और निर्माण पर ध्यान देते हुए, भारत के 3,400 से अधिक इंजीनियर विश्व स्तर पर 21 एल्सटॉम प्लांट के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।
भारत ने 2016 से विभिन्न अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए 1,002 रेल कारों का सफलतापूर्वक निर्यात किया है, जिससे देश की स्थिति मॉडर्न रेल सिस्टम के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में मजबूत हुई है। सावली में 450 रेल कारों का निर्माण किया गया और क्वींसलैंड मेट्रो परियोजना के लिए ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किया गया।