क्या भारतीय परिवारों की वेल्थ 2024 में पिछले 8 वर्षों में सबसे तेजी से बढ़ी?

Key Takeaways
- भारतीय परिवारों की वेल्थ में 14.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- वास्तविक प्रति व्यक्ति वित्तीय संपत्ति पांच गुना बढ़ी।
- बैंक डिपॉजिट का हिस्सा 54 प्रतिशत है।
- क्रय शक्ति महामारी-पूर्व स्तर से 40 प्रतिशत ऊपर है।
- अमेरिका ने ग्लोबल फाइनेंशियल एसेट्स में आधा हिस्सा लिया।
नई दिल्ली, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय परिवारों की वेल्थ 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है और इसमें बीते 8 वर्षों में सबसे तेज वृद्धि देखी गई है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में उल्लिखित की गई है।
एलियांज ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2025 में बताया गया कि 2024 में भारतीय परिवारों की वेल्थ 14.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो देश में तेजी से बढ़ते मध्यम वर्ग की क्षमता को दर्शाता है।
इस रिपोर्ट में लगभग 60 देशों को शामिल किया गया है और यह दर्शाती है कि पिछले दो दशकों में भारत की वास्तविक प्रति व्यक्ति वित्तीय संपत्ति में पांच गुना वृद्धि हुई है, जो किसी भी अन्य उभरती अर्थव्यवस्था की तुलना में सर्वश्रेष्ठ है। पिछले वर्ष प्रतिभूतियों में सबसे अधिक वृद्धि हुई, जो 28.7 प्रतिशत थी, जबकि बीमा और पेंशन में 19.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। बैंक डिपॉजिट में 8.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
भारतीय परिवारों के पोर्टफोलियो का 54 प्रतिशत हिस्सा बैंक डिपॉजिट से आता है, जो बढ़ती बचत को दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया, "वास्तविक रूप से मुद्रास्फीति के बाद वित्तीय संपत्तियों में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसके कारण क्रय शक्ति महामारी-पूर्व स्तर से 40 प्रतिशत ऊपर पहुँच गई है। यह पश्चिमी यूरोप से बिल्कुल अलग है, जहाँ क्रय शक्ति 2019 से 2.4 प्रतिशत कम बनी हुई है। 2024 में प्रति भारतीय की नेट फाइनेंशियल एसेट्स 2,818 अमेरिकी डॉलर प्रति व्यक्ति थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15.6 प्रतिशत अधिक है।
भारत की प्रति व्यक्ति नेट फाइनेंशियल एसेट्स 15.6 प्रतिशत बढ़कर 2,818 डॉलर पर पहुँच गई है। वहीं, देनदारी की वृद्धि दर 12.1 प्रतिशत रही, जिससे परिवारों पर कर्ज जीडीपी का 41 प्रतिशत हो गया है।
2024 में अमेरिका ने ग्लोबल फाइनेंशियल एसेट्स वृद्धि का आधा हिस्सा हासिल किया। पिछले दशक में अमेरिकी परिवारों ने दुनिया भर में 47 प्रतिशत संपत्ति वृद्धि उत्पन्न की है, जबकि चीन में यह 20 प्रतिशत और पश्चिमी यूरोप में 12 प्रतिशत है।