क्या भोपाल में सरकारी आवास में नियम के खिलाफ रहने वालों पर जुर्माना लगेगा?
सारांश
Key Takeaways
- भोपाल में सरकारी आवास में नियम के उल्लंघन पर जुर्माना लगाया जाएगा।
- किराया 30 गुना तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
- सरकारी सेवकों के लिए आवास धारण करने की अवधि को बढ़ाया गया है।
- अनधिकृत रूप से रहने वालों से उच्च किराया वसूला जाएगा।
- पीवीटीजी समूहों के विद्युतीकरण के लिए अतिरिक्त कार्ययोजना को मंजूरी मिली है।
भोपाल, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकारी आवास में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अब जुर्माना लगाया जाएगा। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब किराया 30 गुना तक वसूला जाएगा और इसके अलावा भी अन्य शुल्क लागू होंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्री-परिषद की बैठक में सरकारी आवासों से संबंधित एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। इस बैठक में भोपाल स्थित शासकीय आवास आवंटन नियम 2000 के नियम 17 और 37 में संशोधन की स्वीकृति दी गई है।
नई स्वीकृति के अनुसार, यदि किसी शासकीय सेवक का स्थानांतरण भोपाल से बाहर होता है, तो वह अधिकतम छह महीने तक सामान्य दर पर आवास रख सकेगा। सेवानिवृत्त होने पर भी वह छह महीने तक आवास का उपयोग कर सकेगा। पहले तीन महीने सामान्य दर पर और अगले तीन महीने के लिए 10 गुना दर पर किराया देना होगा। इसके बाद दंडात्मक दर पर किराया वसूला जाएगा और बेदखली की कार्रवाई की जाएगी।
पहले केवल तीन महीने तक सरकारी आवास रखने की अनुमति थी। त्यागपत्र देने या अन्य कारणों से आवास को अनधिकृत मानने पर भी यही नियम लागू होगा। तीन महीने के बाद दंडात्मक किराया वसूला जाएगा।
इसके अतिरिक्त, अनधिकृत रूप से रहने वालों से किराया अब 10 गुना से बढ़ाकर 30 गुना वसूला जाएगा। मंत्री-परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत प्रदेश में पीवीटीजी समूहों जैसे भारिया, बैगा, और सहरिया समुदाय के घरों के विद्युतीकरण के लिए विद्युत वितरण कंपनियों की अतिरिक्त कार्ययोजना के दूसरे चरण का अनुमोदन भी दिया गया है।
प्रदेश के 24 जिलों में रहने वाले अविद्युतीकृत भारिया, बैगा और सहरिया समुदाय के घरों के विद्युतीकरण के लिए प्रति हाउसहोल्ड स्वीकृत सीमा एक लाख रुपए से बढ़ाकर दो लाख रुपए कर दी गई है। विद्युत कंपनियों द्वारा 2 लाख रुपए प्रति हाउसहोल्ड तक आकलित लागत से विद्युतीकरण किया जाएगा। यदि लागत अधिक आती है, तो ऊर्जा विकास निगम द्वारा एक किलोवाट क्षमता का ऑफ-ग्रिड सोलर पैनल और बैटरी लगाकर विद्युतीकरण किया जाएगा। 211 घरों का विद्युतीकरण ऑफ-ग्रिड प्रणाली से किया जाएगा।