क्या डीजीसीए ने पायलटों की मेडिकल जांच को आसान बनाया है? 10 नए एयरोमेडिकल सेंटर जोड़े गए हैं

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क्या डीजीसीए ने पायलटों की मेडिकल जांच को आसान बनाया है? 10 नए एयरोमेडिकल सेंटर जोड़े गए हैं

सारांश

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों और एयरक्रू की मेडिकल जांच को तेज और आसान बनाने के लिए 10 नए एयरोमेडिकल केंद्रों को मंजूरी दी है। यह कदम न केवल जांचों में देरी को कम करेगा, बल्कि उड़ान सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। जानें इस फैसले के पीछे का उद्देश्य।

Key Takeaways

  • डीजीसीए ने 10 नए एयरोमेडिकल मूल्यांकन केंद्र स्थापित किए हैं।
  • ये केंद्र सभी प्रकार की मेडिकल जांच करेंगे।
  • पायलटों को समय पर सर्टिफिकेट मिल सकेगा।
  • उड़ान सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।
  • भारत का एविएशन मार्केट तेजी से बढ़ रहा है।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने पायलटों और एयरक्रू की मेडिकल जांच को तेज और आसान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मंगलवार को 10 नए एयरोमेडिकल मूल्यांकन केंद्रों को मंजूरी दी गई है, जो देश के विभिन्न हिस्सों में स्थापित किए जाएंगे।

डीजीसीए के इस निर्णय से क्लास 1, 2 और 3 मेडिकल जांच की क्षमता में वृद्धि होगी, जिससे पायलटों को समय पर सर्टिफिकेट प्राप्त हो सकेगा। पहले केवल 8 केंद्र थे, जो केवल क्लास 1 की प्रारंभिक जांच करते थे। अब नए केंद्र सभी प्रकार की जांच करेंगे, जिसमें प्रारंभिक, स्पेशल, अस्थायी अयोग्यता के बाद और उम्र से संबंधित जांच भी शामिल हैं।

ये केंद्र भारतीय वायुसेना के बोर्डिंग सेंटरों के अतिरिक्त हैं। सभी में आधुनिक मशीनें, बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर और विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं। डीजीसीए के कड़े नियमों और आईसीएओ (अंतरराष्ट्रीय मानक) का पालन किया जाएगा।

नए केंद्रों की स्थिति की बात करें तो अपोलो हॉस्पिटल्स (नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, इंदौर), मुंबई: नानावटी हॉस्पिटल्स, पुणे: रूबी हॉल क्लिनिक, वीएम मेडिकल केयर सेंटर, नई दिल्ली: मैक्स मल्टी स्पेशियलिटी सेंटर और मेदांता मेडिसिटी शामिल हैं।

डीजीसीए का कहना है कि इससे जांचों में देरी कम होगी, पायलटों की कमी नहीं होगी और उड़ान सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। भारत दुनिया का सबसे तेज़ बढ़ता एविएशन मार्केट है, इसलिए नियामक ढांचे को सशक्त बनाना आवश्यक है।

इस संदर्भ में सभी विस्तृत दिशा-निर्देशों और अनुदेशों को लेकर डीजीसीए की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘सार्वजनिक सूचना’ जारी की गई है।

यह विस्तार चिकित्सा प्रमाणन प्रक्रिया को अधिक कुशल और कम समय लेने वाला बनाकर विमानन समुदाय के कल्याण के प्रति डीजीसीए की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे प्रशासनिक देरी के कारण संभावित पायलटों की कमी को कम करने में मदद मिलेगी।

यह पहल दुनिया के सबसे तेज़ बढ़ते विमानन बाजार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत के नागरिक विमानन नियामक ढांचे को आधुनिक बनाने और सुधारने के डीजीसीए के निरंतर प्रयास का हिस्सा है।

Point of View

मेरा मानना है कि डीजीसीए का यह कदम न केवल पायलटों के लिए, बल्कि पूरे विमानन क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक बदलाव है। यह पहल हमें वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने में मदद करेगी और भारतीय विमानन उद्योग को और अधिक सशक्त बनाएगी।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

डीजीसीए ने कितने नए एयरोमेडिकल केंद्र जोड़े हैं?
डीजीसीए ने 10 नए एयरोमेडिकल केंद्रों को मंजूरी दी है।
ये नए केंद्र कहाँ स्थित हैं?
ये केंद्र नई दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, इंदौर, मुंबई, और पुणे में स्थित हैं।
डीजीसीए का यह कदम उड़ान सुरक्षा पर क्या प्रभाव डालेगा?
इससे पायलटों की कमी नहीं होगी और उड़ान सुरक्षा मजबूत रहेगी।