क्या 10वीं की छात्रा अर्पिता ने दीपावली पर 'सुरक्षित और हरित' संदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- दीपावली पर इको-फ्रेंडली पटाखों का चयन करें।
- सरकार की समय सीमा का पालन करें।
- पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
- जिम्मेदारी से त्योहार मनाएँ।
- अर्पिता जैसे युवाओं से प्रेरणा लें।
भुवनेश्वर, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है, जिसके चलते बाजारों में रौनक और भीड़ का माहौल बढ़ता जा रहा है। भुवनेश्वर के बारमुंडा पटाखा बाजार में भी यही दृश्य देखने को मिला, जहाँ हर कोई त्योहार की खरीदारी में व्यस्त दिखाई दे रहा था।
इसी भीड़ में कक्षा 10 की छात्रा अर्पिता लोगों को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल दीपावली मनाने का संदेश दे रही थीं। अपने परिवार के साथ पटाखे खरीदने आई अर्पिता ने कहा, "हर कोई इस त्योहार को लेकर उत्साहित है और यही दीपावली को खास बनाता है। लेकिन हमें इस खुशी में जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए।"
अर्पिता ने सरकार द्वारा पटाखे जलाने के लिए निर्धारित दो घंटे की सीमा की सराहना की और कहा कि यह निर्णय प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक अच्छा कदम है। उसने कहा, "सरकार ने जो समय सीमा तय की है, वह सही दिशा में एक पहल है। हमें इसका पालन करना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।"
अर्पिता ने कहा, "मैंने ऐसे पटाखे लिए हैं जो कम धुएं वाले हैं और तेज आवाज नहीं करते। तेज और प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की संख्या कम होनी चाहिए। हम सब मिलकर एक सुरक्षित, हरित और खुशहाल दीपावली मना सकते हैं।"
बारमुंडा बाजार में मौजूद दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने भी अर्पिता की बातों का समर्थन किया। उनका कहना था कि इस बार काफी लोग इको-फ्रेंडली पटाखों में रुचि दिखा रहे हैं, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ा है।
बता दें कि ग्रीन पटाखों को इको-फ्रेंडली यानी पर्यावरण के अनुकूल माना जाता है। ये पटाखे सामान्य पटाखों की तुलना में बहुत कम प्रदूषण फैलाते हैं और कम प्रदूषण करते हैं।
इन खास पटाखों को वैज्ञानिक संस्था सीआईआर-एनईईआरआई (नेशनल एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने विकसित किया है। ग्रीन पटाखों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इनमें हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया जाता।