क्या उत्तान मंडूकासन शरीर पर चर्बी हटाने और पीठ दर्द दूर करने में सहायक है?
सारांश
Key Takeaways
- उत्तान मंडूकासन शरीर की चर्बी घटाने में मदद करता है।
- यह पीठ दर्द को दूर करने में सहायक है।
- इसका नियमित अभ्यास ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है।
- योगा मैट पर सही मुद्रा में अभ्यास करें।
- अपनी शारीरिक क्षमता का ध्यान रखें।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। योग हमारी प्राचीन परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में सहायक है। उत्तान मंडूकासन एक ऐसा प्रभावी योगासन है, जो शरीर की संतुलन शक्ति को भी बढ़ाने में मदद करता है।
उत्तान मंडूकासन तीन शब्दों का संयोजन है: 'उत्तान' जिसका अर्थ है ऊपर की ओर तानना, 'मंडूक' जिसका अर्थ है मेंढक, और 'आसन' जो मुद्रा को दर्शाता है। इस आसन में शरीर को ऊपर की ओर तानते हुए मेंढक जैसी स्थिति में किया जाता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, इस आसन के नियमित अभ्यास से कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। रोजाना अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ की मांसपेशियों को खींचता है, जिससे पीठ दर्द और कमजोर हड्डियों में राहत मिलती है। यह आसन अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी सहायक है। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों का संचार बेहतर होता है।
इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें। फिर, दोनों पैरों के अंगूठे आपस में जुड़े रहें और घुटने खुले रहें। इसके बाद, धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं और कंधों के ऊपर विपरीत दिशा में रखें। इस स्थिति में आपकी पीठ और गर्दन पूरी तरह से सीधी होनी चाहिए। कुछ समय तक इस स्थिति में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें। ध्यान दें कि अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगाएं।
इस आसन के अभ्यास से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यदि किसी को कोहनी, पीठ, रीढ़ की हड्डी में कोई गंभीर समस्या है या सर्जरी हुई है, तो इस आसन का अभ्यास न करें।
अभ्यास के दौरान अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगाने का ध्यान रखें, क्योंकि इससे चोट लगने का खतरा बढ़ सकता है।