बिहार एसआईआर: क्या मतदाता सूची में दावे और आपत्तियों का निस्तारण सफल होगा?

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बिहार एसआईआर: क्या मतदाता सूची में दावे और आपत्तियों का निस्तारण सफल होगा?

सारांश

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदाता सूची की दावे और आपत्तियों की प्रक्रिया तेज हो रही है। केवल एक दिन बचा है, और सिर्फ दो दलों ने ही आपत्तियां दर्ज की हैं। क्या यह प्रक्रिया चुनाव की निष्पक्षता को सुनिश्चित कर पाएगी?

Key Takeaways

  • मतदाता सूची में दावे और आपत्तियों का निस्तारण प्रक्रिया तेज हो रही है।
  • केवल 1 दिन शेष है दावे और आपत्तियां दर्ज करने के लिए।
  • चुनाव आयोग ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए हैं।
  • राजद और CPI(ML) ने अपने दावे प्रस्तुत किए हैं।
  • सभी दलों को उचित अवसर मिलना चाहिए।

नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदाता सूची पर दावे और आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया को और तेज कर दिया है। बिहार एसआईआर के लिए दावे और आपत्तियां दर्ज करने का समय अब केवल 1 दिन शेष है, और इस दौरान केवल दो राजनीतिक दलों से ही चुनाव आयोग को आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।

चुनाव आयोग ने रविवार को इस विषय में एक डेली बुलेटिन जारी किया है। ईसीआई के अनुसार, 1 अगस्त (दोपहर 3 बजे) से 31 अगस्त (सुबह 10 बजे) तक की अवधि में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) (लिबरेशन) से आपत्तियां मिली हैं।

ईसीआई ने जानकारी दी कि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) (लिबरेशन) ने प्रारूप निर्वाचक नामावली में नाम जोड़ने के लिए 15 और हटाने के लिए 103 दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की हैं। इसके साथ ही, राजद की ओर से 10 आपत्तियां मिली हैं, जिनका निस्तारण अगले 7 दिन में किया जाएगा।

चुनाव आयोग के अनुसार, निर्वाचकों से सीधे प्राप्त दावों और आपत्तियों में 33,326 नाम जोड़ने और 2,07,565 नाम हटाने की मांग की गई है। इनमें से 38,342 का निस्तारण पहले ही कर दिया गया है। इसके अलावा, 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से प्राप्त फॉर्म 6/फॉर्म 6 और घोषणा पत्र के तहत 15,32,438 दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 81,073 का निस्तारण हो चुका है।

आयोग ने स्पष्ट किया कि दावे और आपत्तियां केवल निर्धारित प्रपत्रों (फॉर्म 6 और फॉर्म 7) के माध्यम से ही स्वीकार की जाएंगी। सामान्य शिकायतों को बिना घोषणा-पत्र के दावा या आपत्ति के रूप में नहीं गिना जाएगा। यह प्रक्रिया पंजीकरण ऑफ इलेक्टर्स रूल्स, 1960 के नियम 20(3)(बी) और आरपी एक्ट 1950 की धारा 2(जी) के तहत योग्य मतदाताओं को शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने के लिए की जा रही है।

भारत निर्वाचन आयोग ने सभी संबंधित पक्षों से अपील की है कि वे प्रारूप निर्वाचक नामावली को अंतिम रूप देने के लिए शेष समय में अपने दावे और आपत्तियां दर्ज कराएं। यह प्रक्रिया बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Point of View

हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष हो। बिहार में चल रही मतदाता सूची की आपत्ति प्रक्रिया राजनीति और लोकतंत्र को प्रभावित कर सकती है। सभी दलों को अवसर प्रदान करना आवश्यक है ताकि हर मतदाता की आवाज सुनी जा सके।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूची में दावे और आपत्तियां कैसे दर्ज की जाती हैं?
दावे और आपत्तियां केवल निर्धारित प्रपत्रों (फॉर्म 6 और फॉर्म 7) के माध्यम से ही स्वीकार की जाती हैं।
कौन से दलों ने आपत्तियां दर्ज की हैं?
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) (लिबरेशन) ने आपत्तियां दर्ज की हैं।
निस्तारण प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
आपत्तियों का निस्तारण आमतौर पर 7 दिन में किया जाएगा।