क्या बिहार में 22 नवंबर से पहले चुनाव होंगे? सीईसी ज्ञानेश कुमार ने बताई अहम बातें

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में चुनाव 22 नवंबर से पहले होंगे।
- बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई जाएगी।
- मतदाता आईडी 15 दिन में मिलेगी।
- पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे।
- मतदाता सुविधा के लिए कई नई पहल की गई हैं।
पटना, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को यह जानकारी दी कि बिहार में 22 नवंबर से पहले विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। उन्होंने बताया कि 22 नवंबर तक बिहार विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और चुनाव समय पर संपन्न किए जाएंगे।
पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें दो सीटें एसटी और 38 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।
सीईसी ने बताया कि चुनाव आयोग की पूरी टीम पिछले दो दिनों से बिहार में है। चुनाव आयोग ने पहले सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक की। इसके साथ ही बिहार के सभी जिलाधिकारी, एसपी-एसएसपी, आईजी और डीआईजी, कमिश्नर और सभी प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ भी चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि बिहार में चुनावी प्रक्रियाओं में कुछ नई पहल शामिल की गई हैं। पहली बार बूथ लेवल एजेंट की ट्रेनिंग दिल्ली में कराई गई है। देशभर के लगभग 700 बूथ लेवल अफसर और सुपरवाइजर्स की ट्रेनिंग पूरी की जा चुकी है।
सीईसी ने कहा, "पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग पहले जिला या राज्य में होती थी, लेकिन अब यह ट्रेनिंग भी दिल्ली में शुरू की गई है। मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की पहल की गई है।"
उन्होंने यह भी बताया कि मतदाताओं को 15 दिन के अंदर वोटर आईडी दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही बूथ लेवल अफसर के लिए फोटो आईडी कार्ड भी शुरू किए गए हैं ताकि मतदाता उन्हें पहचान सकें।
सीईसी ने जानकारी दी कि बिहार विधानसभा चुनाव से देश में पोलिंग बूथ पर मतदाताओं के मोबाइल रखने की व्यवस्था शुरू होगी। इस व्यवस्था का ट्रायल उपचुनाव के समय किया गया था। इसके अलावा, मतदाताओं को दी जाने वाली स्लिप में भी बदलाव किया गया है, जिसमें बूथ नंबर और पता बड़े अक्षरों में दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने लगभग 40 एप्लीकेशन विकसित की हैं और इन सभी को एक कंप्यूटर प्लेटफॉर्म पर लाया गया है। यह प्लेटफॉर्म बिहार में लागू किया जाएगा। सीईसी ने यह भी बताया कि पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर नहीं होंगे ताकि लाइनें लगने की समस्या का समाधान किया जा सके। यह व्यवस्था बिहार से शुरू होकर पूरे देश में लागू होगी।