क्या बिहार में नारी गुंजन पहल के तहत दलित समाज की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- नारी गुंजन पहल ने मुसहर समुदाय की महिलाओं को सशक्त बनाया है।
- महिलाओं ने ऑटोमोबाइल कौशल में प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
- इस पहल ने सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है।
- बिहार सरकार का समर्थन इस पहल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।
- यह पहल महिलाओं के लिए शिक्षा और आत्मनिर्भरता का एक नया अवसर है।
पटना, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के एक अत्यंत गरीब वर्ग मुसहर समुदाय की कई महिलाएं कौशल सीखने के बाद नई उड़ान भरने की तैयारी कर रही हैं।
दानापुर प्रखंड की मुसहर समुदाय की छह महिलाओं ने ऑटोमोबाइल रिपेयरिंग कौशल का प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया और उन्हें प्रशिक्षकों द्वारा सम्मानित भी किया गया। ये प्रशिक्षित पेशेवर अब पिंक बसें चलाने के लिए तैयार हैं।
यह पहल 'नारी गुंजन' नामक संगठन द्वारा शुरू की गई थी, जो महिलाओं की शिक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में कार्य कर रहा है।
दानापुर के लालकोठी स्थित परिसर में आयोजित समापन समारोह में लड़कियों को सम्मानित किया गया, जो पटना तथा आसपास के जिलों के विभिन्न गांवों से आई थीं।
इस अवसर पर बिहार सरकार की सचिव वंदना प्रेयसी ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
उन्होंने कहा, "नारी गुंजन ने जिस दृढ़ संकल्प और समर्पण के साथ मुसहर समुदाय की बेटियों को आत्मनिर्भरता का मार्ग दिखाया है, वह बेहद प्रेरणादायक है। इन लड़कियों ने साबित कर दिया है कि अवसर मिलने पर हर लड़की अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रदर्शन कर सकती है।"
18 अगस्त से 16 सितम्बर तक आयोजित इस प्रशिक्षण में उन्हें ऑटोमोबाइल कौशल विकास के विभिन्न पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया।
1987 में शुरू की गई नारी गुंजन योजना जमीनी स्तर पर सबसे वंचित मुसहर समुदाय के लिए आशा और सशक्तिकरण की किरण के रूप में कार्य करती है।
संगठन का मुख्य लक्ष्य सबसे गरीब, भूमिहीन और ग्रामीण महिलाओं का उत्थान करना है, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से आर्थिक अभाव, सामाजिक भेदभाव, राजनीतिक उपेक्षा और सांस्कृतिक अदृश्यता का सामना करना पड़ा है।
नारी गुंजन की इस पहल ने शिक्षा के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन और आर्थिक सशक्तिकरण की एक नई मिसाल कायम की है।