क्या बिहार एसआईआर में दावे-आपत्तियों की अंतिम तारीख नजदीक है और राजनीतिक दलों की चुप्पी क्यों है?

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क्या बिहार एसआईआर में दावे-आपत्तियों की अंतिम तारीख नजदीक है और राजनीतिक दलों की चुप्पी क्यों है?

सारांश

बिहार में विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 के तहत दावे और आपत्तियों की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है। इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों की चुप्पी सवाल खड़ी कर रही है। जानें इस स्थिति के पीछे क्या कारण हैं और मतदाताओं ने कितने दावे किए हैं।

Key Takeaways

  • दावे और आपत्तियों की अंतिम तारीख नजदीक है।
  • राजनीतिक दलों की चुप्पी चिंता का विषय है।
  • मतदाताओं ने 60,010 दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की हैं।
  • चुनाव आयोग ने 2,394 मामलों का निपटारा किया है।
  • सभी दलों को सक्रियता से भाग लेना चाहिए।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में चल रहे विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 के तहत दावे और आपत्तियों को दाखिल करने के लिए केवल 12 दिन बचे हैं। इस महीनेभर की प्रक्रिया में अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने कोई दावा या आपत्ति पेश नहीं की है। फिर भी, मतदाताओं ने सीधे तौर पर 60,010 दावे और आपत्तियां प्रस्तुत की हैं। इनमें से चुनाव आयोग 2,394 दावे और आपत्तियों का समाधान कर चुका है।

चुनाव आयोग ने बुधवार को एसआईआर प्रक्रिया से संबंधित एक बुलेटिन जारी किया, जिसमें बताया गया कि एक अगस्त से 20 अगस्त, सुबह 11 बजे तक का समय है। आयोग के अनुसार, बिहार में सभी राजनीतिक दलों के कुल 1,60,813 बीएलए हैं, जिनमें से किसी भी दल ने कोई आपत्ति नहीं दी है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि राजनीतिक दलों के बीएलए जनता से दावे (फॉर्म 6) और आपत्तियां (फॉर्म 7) एकत्र कर सकते हैं और निर्धारित घोषणा के साथ स्वयं आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। निर्धारित फॉर्म या घोषणा के बिना सामान्य शिकायतों को दावे (फॉर्म 6) और आपत्तियां (फॉर्म 7) के रूप में नहीं गिना जाएगा।

बुलेटिन के अनुसार, योग्य मतदाताओं को शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने संबंधी मतदाताओं की ओर से किए गए दावे और आपत्तियों की कुल संख्या 60,010 है, जिसमें से 2,394 का निपटारा किया गया है। 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले या उससे अधिक आयु के नए मतदाताओं से प्राप्त फॉर्म-6 और घोषणा पत्र संबंधी कुल 1,98,660 मामले हैं।

नियमों के अनुसार, दावे और आपत्तियों का निस्तारण संबंधित ईआरओ और एईआरओ की ओर से पात्रता के सत्यापन के बाद 7 दिन की नोटिस अवधि पूरी होने से पहले नहीं किया जाएगा। एसआईआर आदेशों के अनुसार, 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित प्रारूप सूची से किसी भी नाम को ईआरओ और एईआरओ बिना जांच-पड़ताल और स्पीकिंग आदेश के हटा नहीं सकते हैं।

Point of View

जब लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी दलों को सक्रियता से भाग लेना चाहिए।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार एसआईआर क्या है?
बिहार एसआईआर (विशेष सघन पुनरीक्षण) एक प्रक्रिया है जिसके तहत मतदाता सूची की समीक्षा और अद्यतन किया जाता है।
दावे और आपत्तियां क्या होती हैं?
दावे और आपत्तियां वे प्रतिक्रियाएं हैं, जो मतदाता अपनी स्थिति या नाम की सही प्रविष्टि के लिए पेश करते हैं।
चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को कैसे संचालित करता है?
चुनाव आयोग दावों और आपत्तियों की समीक्षा करता है और पात्रता के अनुसार उनका निस्तारण करता है।
क्या राजनीतिक दलों को इस प्रक्रिया में भाग लेना आवश्यक है?
हां, राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की सहीता पर नजर रखने और दावे या आपत्ति दर्ज कराने में सक्रियता दिखानी चाहिए।
क्या दावे और आपत्तियां समय सीमा में दाखिल की जा सकती हैं?
हां, दावे और आपत्तियां केवल निर्धारित समय सीमा के भीतर ही दाखिल की जा सकती हैं।