क्या बिहार एसआईआर पर 10 दिन बाद भी किसी राजनीतिक दल ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई?

Click to start listening
क्या बिहार एसआईआर पर 10 दिन बाद भी किसी राजनीतिक दल ने आपत्ति दर्ज नहीं कराई?

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए बुलेटिन में बिहार के एसआईआर के संदर्भ में विपक्षी दलों की चुप्पी पर चर्चा की गई है। क्या राजनीतिक दलों की आपत्तियों का अभाव यह संकेत देता है कि बिहार में चुनावी प्रक्रिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा? जानें इस मुद्दे पर सभी महत्वपूर्ण तथ्य।

Key Takeaways

  • बिहार में एसआईआर के तहत किसी भी राजनीतिक दल ने आपत्ति नहीं दर्ज की।
  • ईसीआई ने पारदर्शी प्रक्रिया का आश्वासन दिया है।
  • कुल 8,341 दावे या आपत्तियां प्राप्त हुई हैं।
  • बिहार के विभिन्न राजनीतिक दलों के बीएलए की संख्या।
  • 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नए मतदाताओं से फॉर्म-6 प्राप्त हुए हैं।

नई दिल्ली, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने रविवार को बिहार के एसआईआर से संबंधित एक डेली बुलेटिन जारी किया है। इस बुलेटिन के अनुसार, किसी भी विपक्षी दल ने अब तक आयोग के समक्ष कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।

ईसीआई के मुताबिक, बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत 1 अगस्त को जारी प्रारूप मतदाता सूची पर 10 दिनों (1 अगस्त दोपहर 3 बजे से 10 अगस्त दोपहर 3 बजे तक) में किसी भी राजनीतिक दल की ओर से कोई दावा या आपत्ति नहीं आई है।

यह बुलेटिन प्रारूप मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और अन्य संशोधनों से जुड़ी जानकारी पर आधारित है। ईसीआई ने अपने दैनिक बुलेटिन में स्पष्ट किया है कि सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

निर्वाचन आयोग के अनुसार, पात्र मतदाताओं की सूची में शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने के लिए पिछले 10 दिनों में 8,341 दावे या आपत्तियां प्राप्त हुई हैं, जिनका निपटारा होना बाकी है।

चुनाव आयोग ने जानकारी दी है कि 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले नए मतदाताओं से 46,588 'फॉर्म-6 और घोषणाएं' प्राप्त हुईं, जिनका निपटारा किया जाएगा।

ईसीआई के अनुसार, बिहार में आम आदमी पार्टी (आप) का 1 बीएलए है, बहुजन समाज पार्टी के 74, भारतीय जनता पार्टी के 53,338, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के 899, इंडियन नेशनल कांग्रेस के 17,549, और नेशनल पीपुल्स पार्टी के 7 बीएलए हैं। इन राजनीतिक दलों से कोई आपत्ति प्राप्त नहीं हुई है।

इसके अतिरिक्त, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (लिबरेशन) के 1,496, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के 1,913, जनता दल (यूनाइटेड) के 36,550, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 1,210, राष्ट्रीय जनता दल के 47,506, और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के 270 बीएलए हैं, और इनसे भी कोई आपत्ति नहीं मिली है।

Point of View

यह देखना होगा।
NationPress
10/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में एसआईआर का क्या महत्व है?
बिहार में एसआईआर का महत्व मतदाता सूची के अद्यतन और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता में है।
किसी भी राजनीतिक दल ने आपत्ति क्यों नहीं दर्ज की?
इसका कारण राजनीतिक दलों की रणनीति हो सकती है, या हो सकता है कि उन्हें सूची में कोई समस्या न दिखाई दी हो।
ईसीआई की प्रक्रिया कितनी पारदर्शी है?
ईसीआई ने स्पष्ट किया है कि सभी योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करने और अयोग्य को हटाने के लिए पारदर्शी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।