क्या बिहारीगंज में जदयू का दबदबा कायम रहेगा या समीकरण बदलेगा?

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क्या बिहारीगंज में जदयू का दबदबा कायम रहेगा या समीकरण बदलेगा?

सारांश

बिहारीगंज विधानसभा चुनाव 2025 में जदयू का दबदबा कायम रहेगा या नया समीकरण बनेगा? पढ़ें इस महत्वपूर्ण सीट के बारे में।

Key Takeaways

  • बिहारीगंज एक अनारक्षित विधानसभा सीट है।
  • 2020 में जेडीयू ने सीट पर जीत हासिल की थी।
  • कृषि यहां की मुख्य अर्थव्यवस्था है।
  • बाढ़ और जलजमाव कृषि को प्रभावित करते हैं।
  • युवाओं का पलायन रोजगार की कमी के कारण हो रहा है।

पटना, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच मधेपुरा जिले की बिहारीगंज विधानसभा सीट चर्चा का केंद्र बनी हुई है। यह एक सामान्य (अनारक्षित) सीट है, जिसे 2008 के परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद स्वतंत्र निर्वाचन क्षेत्र का दर्जा प्राप्त हुआ। यह सीट मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जिसमें बिहारीगंज और ग्वालपाड़ा प्रखंडों के साथ उदाकिशुनगंज और मुरलीगंज प्रखंडों के कुछ ग्राम पंचायत भी शामिल हैं।

राजनीतिक दृष्टिकोण से, इस सीट पर जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू का पिछले तीन चुनावों से दबदबा बना हुआ है। 2010 में पहले चुनाव में रेणु कुमारी ने जीत दर्ज की थी, जबकि 2015 और 2020 में निरंजन कुमार मेहता ने लगातार जीत हासिल की। 2020 के चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी सुभाषिनी बुंदेला को हराया और सीट को एनडीए के पक्ष में बनाए रखा। यह सवाल उठता है कि क्या यह सीट 2025 में भी जेडीयू के पास रहेगी या फिर विपक्ष नया समीकरण बनाएगा।

भौगोलिक दृष्टि से, बिहारीगंज, मधेपुरा जिले के दक्षिण-पूर्वी कोने में स्थित है और जिला मुख्यालय से 41 किलोमीटर दूर है। यह बरौनी-कटिहार रेलमार्ग पर स्थित है और इसका रेलवे स्टेशन उत्तर बिहार के सबसे पुराने स्टेशनों में से एक माना जाता है। नजदीकी शहरों में मुरलीगंज, ग्वालपाड़ा और पूर्णिया शामिल हैं, जबकि राजधानी पटना यहां से लगभग 270 किलोमीटर की दूरी पर है।

बिहारीगंज की भूमि कोसी नदी के उपजाऊ बेसिन क्षेत्र में आती है, जहां हर साल बाढ़ और जलजमाव कृषि, आधारभूत संरचना और जनजीवन को प्रभावित करते हैं। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। धान, गेहूं, मक्का, दालों के अलावा कुछ क्षेत्रों में गन्ना और जूट की खेती भी होती है।

बिहारीगंज ने खुद को आसपास के गांवों के लिए एक व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित कर लिया है, जहां कृषि उत्पादों की खरीद-बिक्री के साथ-साथ कपड़े और उपभोक्ता वस्तुओं का बाजार भी है। हालांकि, यहां रोजगार की समस्या बड़ी है, जिसके कारण युवा वर्ग महानगरों की ओर पलायन करता रहा है। परंतु, छोटे उद्योगों और शैक्षिक संस्थानों ने इस चुनौती का सामना करने की कोशिश की है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 में बिहारीगंज विधानसभा की अनुमानित जनसंख्या 5,36,528 है, जिसमें 2,74,883 पुरुष और 2,61,645 महिलाएं शामिल हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 3,32,862 है, जिनमें 1,72,683 पुरुष, 1,60,167 महिलाएं और 12 थर्ड जेंडर हैं।

Point of View

NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

बिहारीगंज विधानसभा की कुल जनसंख्या क्या है?
2024 में बिहारीगंज विधानसभा की अनुमानित जनसंख्या 5,36,528 है।
बिहारीगंज में प्रमुख फसलें कौन सी हैं?
यहां धान, गेहूं, मक्का, दालें और गन्ना मुख्य फसलें हैं।
बिहारीगंज की भौगोलिक स्थिति क्या है?
बिहारीगंज, मधेपुरा जिले के दक्षिण-पूर्वी कोने में स्थित है और जिला मुख्यालय से 41 किलोमीटर दूर है।
बिहारीगंज का रेलवे स्टेशन कितने पुराने है?
यह उत्तर बिहार के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है।
बिहारीगंज की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव है?
यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है, लेकिन रोजगार की कमी के कारण युवा पलायन कर रहे हैं।