क्या बीजू जनता दल जन समस्याओं और सरकारी विफलताओं को उजागर करने के लिए पदयात्रा शुरू कर रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- पदयात्रा का उद्देश्य: जन समस्याओं और सरकारी विफलताओं को उजागर करना।
- मुख्य मुद्दे: महिला सुरक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार।
- समयसीमा: 9 अक्टूबर से 9 नवंबर तक।
- जनता से संवाद: नागरिकों की अपेक्षाओं को समझना।
भुवनेश्वर, ८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बीजू जनता दल (बीजद) जन समस्याओं और सरकारी विफलताओं को उजागर करने के लिए पदयात्रा आरंभ करने जा रहा है। बीजद के वरिष्ठ नेता लेनिन मोहंती ने बुधवार को बताया कि पार्टी ९ अक्टूबर से राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू करेगी। यह एक महीने के जनसंपर्क कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य लोगों की शिकायतों को उजागर करना और भाजपा के नेतृत्व वाली ओडिशा सरकार की विफलताओं को सामने लाना है।
मोहंती ने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक के नेतृत्व में शुरू की गई यह पदयात्रा पिछले २४ वर्षों से एक वार्षिक संपर्क कार्यक्रम रही है। उन्होंने बताया, "यह केवल एक पदयात्रा नहीं है। यह लोगों से जुड़े रहने, उनकी समस्याओं को समझने और समाधान खोजने का हमारा निरंतर प्रयास है।"
मोहंती ने आरोप लगाया कि राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री, जिनके पास गृह विभाग भी है, शांति बनाए रखने में विफल रहे हैं। एसआई परीक्षा घोटाले और पेपर लीक से लेकर तीन दशकों बाद कटक में सांप्रदायिक हिंसा तक, स्थिति अराजक है।"
उन्होंने आगे कहा कि बीजद पदयात्रा के दौरान महिला सुरक्षा, आदिवासियों और दलितों का शोषण, बेरोजगारी और बढ़ते भ्रष्टाचार जैसे प्रमुख मुद्दे उठाए जाएंगे।
मोहंती ने कहा, "यह डबल इंजन वाली सरकार निष्क्रिय हो गई है। लोग निराश हैं और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से, हम हर गांव तक पहुंचेंगे और नागरिकों से सीधे बातचीत करके उनकी अपेक्षाओं को समझेंगे।"
यह पदयात्रा ९ नवंबर तक सभी जिलों में जारी रहेगी। नवीन पटनायक और वरिष्ठ बीजद नेताओं के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है।
इससे पहले, बीजद नेता लेनिन मोहंती ने एसआई भर्ती परीक्षा में धांधली की सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि एसआई भर्ती परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। पैसे दो, नौकरी पाओ वाली घटना में बड़े-बड़े लोग शामिल हैं। अगर रिश्वत देने वाले को गिरफ्तार किया गया है, तो रिश्वत लेने वाले को क्यों बाहर रखा गया है? अगर सीबीआई जांच नहीं हुई, तो हम सड़कों पर उतरेंगे।