क्या बीकानेर में लव कुश वाटिका का लोकार्पण होगा? मंत्री संजय शर्मा ने कहा, '10 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य'

सारांश
Key Takeaways
- जल संरक्षण के लिए संकल्प
- १० करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य
- बायोलॉजिकल पार्क की स्थापना
- पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ठोस कदम
- किसानों की आय बढ़ाने के उपाय
बीकानेर, १६ जून (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री संजय शर्मा ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की महत्वाकांक्षी वंदे गंगा जल संरक्षण योजना के अंतर्गत बीकानेर में लव कुश वाटिका का लोकार्पण किया जाएगा। इस मौके पर जल संरक्षण के लिए शपथ और पौधारोपण भी आयोजित होगा।
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस वर्ष पूरे राज्य में १० करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में कार्य तेजी से प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि बीकानेर में बायोलॉजिकल पार्क और नर्सरी का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे जल्द ही निरीक्षण किया जाएगा। पार्क का उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा शीघ्र ही किया जाएगा, हालांकि निर्माण में देरी के कारण इसे २६ जनवरी को आरंभ नहीं किया जा सका।
सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए पेड़ काटने के प्रश्न पर शर्मा ने कहा कि किसानों की भूमि पर नियमानुसार सोलर प्लांट लगाए जा सकते हैं, क्योंकि ऊर्जा की आवश्यकता है। लेकिन, पेड़ काटने के बदले उतने ही पौधे लगाना अनिवार्य है। यदि कोई सोलर कंपनी इस नियम का पालन नहीं करती, तो जिला कलेक्टर को उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे वह कोई कंपनी हो या व्यक्ति।
मंत्री ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अवैध खनन और पेड़ों की कटाई रोकने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों, जैसे अत्यधिक गर्मी और अनियमित बारिश, का जिक्र करते हुए उन्होंने पौधारोपण की महत्ता पर जोर दिया। शर्मा ने कहा कि जोधपुर और भोपाल की स्वतंत्र एजेंसियों के साथ तीसरे पक्ष के ऑडिट के जरिए पौधों की निगरानी की जाएगी, ताकि लगाए गए पौधे पेड़ बनकर पर्यावरण को मजबूत करें।
गंगानगर के सूरतगढ़ में किसानों द्वारा शीशम और खेजड़ी के पेड़ काटने की चर्चा पर उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी आय बढ़ाने का अधिकार है, लेकिन पेड़ काटने के बाद नए पौधे लगाने चाहिए। तमिलनाडु के कोयंबटूर मॉडल का उल्लेख करते हुए उन्होंने वन विभाग को शीशम के पौधे तैयार कर किसानों को देने का सुझाव दिया। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और पर्यावरण का संरक्षण भी होगा। खेजड़ी को राजस्थान की अस्मिता बताते हुए उन्होंने इसके संरक्षण की अपील की।