क्या आर्मी चीफ ने बीकानेर मिलिट्री स्टेशन और सीमावर्ती क्षेत्रों में ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की?

सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा महत्वपूर्ण है।
- सेना का आधुनिकीकरण आवश्यक है।
- पूर्व सैनिकों का योगदान सराहनीय है।
- तकनीकी समन्वय आवश्यक है।
- वर्तमान सुरक्षा माहौल में संगठनात्मक तैयारी जरुरी है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय थलसेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बीकानेर मिलिट्री स्टेशन और सीमावर्ती क्षेत्रों का निरीक्षण किया है। इस दौरे के दौरान, उन्होंने भारतीय सेना की ऑपरेशनल तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सैनिकों और उच्च अधिकारियों से संवाद किया और उनकी प्रस्तुतता की जानकारी ली।
सेनाध्यक्ष ने सेना के आधुनिकीकरण, युद्धक तैयारियों, और तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करने के लिए ज़ोर दिया। बीकानेर के सैनिकों और पूर्व सैन्य दिग्गजों को संबोधित करते हुए, उन्होंने मरुस्थलीय क्षेत्रों में ड्यूटी निभाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की।
उन्होंने कहा कि उच्च ऑपरेशनल रेडीनेस बनाए रखने के लिए सभी स्तरों पर तकनीक का समावेश अनिवार्य है। वर्तमान में जटिल सुरक्षा माहौल में, सशस्त्र बलों, सरकारी एजेंसियों, और समाज के बीच समन्वय आवश्यक है।
जनरल द्विवेदी ने मिलिट्री-सिविल फ्यूजन के महत्व को बताया और पूर्व सैनिकों के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने पूर्व सैनिकों लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) हेम सिंह शेखावत, लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) बीरबल बिश्नोई, रिसालदार (सेवानिवृत्त) भंवर सिंह, और हवलदार (सेवानिवृत्त) नकाट सिंह को राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
उन्होंने बताया कि युद्ध का स्वरूप निरंतर बदल रहा है। सेना अनमैन्ड एरियल सिस्टम और काउंटर अनमैन्ड एरियल सिस्टम तकनीक को सभी स्तरों पर एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि बदलते खतरों का प्रभावी रूप से सामना किया जा सके।
इससे पहले, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भुज वायुसेना स्टेशन का दौरा किया था, जहाँ उन्हें भारतीय थलसेना और भारतीय वायुसेना के बीच ऑपरेशनल तैयारी और सहयोग की जानकारी दी गई।