क्या बिहार में चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने ट्रेनों से भेजे फर्जी मतदाता?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा पर फर्जी मतदाताओं का आरोप
- चुनाव की ईमानदारी पर सवाल
- कर्नाटक में भी फर्जी मतदाता भेजने की योजना
- महिलाओं को रिझाने के लिए पैसे बांटने का फंडा
- लोकतंत्र की सुरक्षा की आवश्यकता
मुंबई, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत को कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने दावा किया है कि यह चुनाव ईमानदारी से नहीं हुआ। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने बिहार में अपने मुताबिक राजनीतिक स्थिति को बदलने के लिए 40 लाख फर्जी मतदाता तैयार किए थे।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जब भी किसी राज्य में चुनावी बिगुल बजता है, तो भाजपा की तरफ से ये सभी फर्जी मतदाता वहां भेज दिए जाते हैं ताकि राज्य की राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में किया जा सके। भाजपा ने बिहार में भी फर्जी मतदाताओं को ट्रेन में भरकर भेजा ताकि अपनी जीत का मार्ग प्रशस्त कर सके।
उन्होंने कहा कि बिहार के बाद अब इन लोगों की यह प्रक्रिया कर्नाटक के लिए शुरू हो जाएगी। वहां पर भी भाजपा के लोग फर्जी मतदाताओं को भेजना शुरू कर देंगे।
विजय वडेट्टीवार ने कहा कि बिहार में एनडीए के लोग दावा कर रहे हैं कि उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए काम किया है। मेरा सीधा सा सवाल है कि अगर आपने विकास के लिए काम किया है, तो क्यों महिलाओं को रिझाने के लिए 10 हजार रुपये देने पड़े? कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भाजपा ने अब सरकारी खजाने से पैसे लेकर चुनाव जीतने का नया फंडा शुरू किया है, लेकिन मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अब प्रदेश की जनता इस स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करने वाली है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसी स्थिति महाराष्ट्र में भी देखने को मिल रही है। महाराष्ट्र में अभी से ही राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में करने के लिए साढ़े सात हजार रुपये खातों में डाल दिए गए हैं।
कुछ यही हथकंडा बिहार में भी आजमाया गया। वहां भी महिलाओं को रिझाने के लिए 10 हजार रुपये डाल दिए गए। बिहार में पर कैपिटा इनकम बहुत कम है, तो अगर वहां के लोगों को 10 हजार रुपये मिल जाते हैं तो बहुत ही मिल गए, लेकिन इस तरह से देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा।