क्या आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के लिए यह उचित समय नहीं है? राहुल गांधी को भाजपा सांसदों का जवाब
सारांश
Key Takeaways
- आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति का यह समय नहीं है।
- रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा महत्वपूर्ण है।
- सभी राजनीतिक दलों को मिलकर एकता दिखानी चाहिए।
- प्रधानमंत्री मोदी की सरकार सभी के प्रति सम्मान रखती है।
- विपक्ष के नेता का भूमिका महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को उत्तर देते हुए कहा है कि इस समय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करने का उचित समय नहीं है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का उल्लेख करते हुए भाजपा सांसदों ने कहा कि सभी को मिलकर उनका स्वागत करना चाहिए।
भारत दौरे पर आने वाले विदेशी प्रतिनिधियों से विपक्षी नेताओं की मुलाकात न कराने के आरोपों पर भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि ये आरोप निराधार हैं। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस से कहा कि इस समय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के लिए उचित नहीं है।
भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, "रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत आ रहे हैं, जो पूरे देश के लिए एक सुखद अवसर है। यह भारत की विदेश नीति का भी महत्वपूर्ण अध्याय है। राहुल गांधी को आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति नहीं करनी चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सभी के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव रखती है। राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के महत्वपूर्ण पद पर हैं। उनके लिए भी सम्मान का भाव है।
भाजपा के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, "वे एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं और लोकसभा में भी विपक्ष के लीडर हैं। उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि जब प्रधानमंत्री या किसी दूसरे देश का कोई प्रतिनिधिमंडल भारत आता है, तो वे स्वयं ही कार्यक्रम और किससे मिलना है, यह तय करते हैं। केंद्र सरकार किसी को न तो रोकती है और न ही किसी की मुलाकात कराती है।"
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राहुल गांधी को इस लायक बनना चाहिए कि जब अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष आएं तो आपकी मुलाकात की उत्सुकता बढ़े।
वहीं, जदयू के सांसद संजय कुमार झा ने राहुल गांधी के व्यवहार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह पता होना चाहिए कि विपक्ष के नेता का क्या रोल होता है। वे विरोध करते-करते देश और जनता के खिलाफ हो जाते हैं। संजय झा ने कहा कि बिहार चुनाव में एसआईआर को लेकर उन्होंने (राहुल गांधी) यात्राएं कीं, लेकिन नतीजों के बाद वे वहां से गायब हो गए। 'वोट चोरी' जैसे मुद्दे पर उन्होंने पूरा चुनाव लड़ा, लेकिन जनता का फैसला स्पष्ट है। जनता ने उन्हें विपक्ष में बैठाया है।