क्या भाजपा विधायक सरोज पाढ़ी ने जीएसटी परिषद के फैसले का स्वागत किया, इसे त्योहार का तोहफा बताया?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी में सुधार से टैक्स स्लैब में कमी आई है।
- सरोज पाढ़ी ने इसे त्योहार का तोहफा बताया है।
- यह निर्णय कृषि और व्यापारिक समुदाय को लाभ पहुंचाएगा।
- विपक्ष की आलोचनाएं इस फैसले के महत्व को नहीं कम कर सकतीं।
- जीएसटी 2.0 का कार्यान्वयन 22 सितंबर 2025 से होगा।
भुवनेश्वर, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकार ने जीएसटी में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। जीएसटी के टैक्स स्लैब को चार (5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) से घटाकर दो (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) कर दिया गया है।
वरिष्ठ भाजपा विधायक सरोज पाढ़ी ने जीएसटी परिषद द्वारा कर दरों और स्लैब में कमी के फैसले का स्वागत किया है और इसे दशहरा और दिवाली से पहले देशवासियों के लिए एक त्योहार का तोहफा बताया है।
विपक्ष की आलोचनाओं का उत्तर देते हुए पाढ़ी ने कहा कि यह निर्णय एक सकारात्मक कदम है। आज पूरा देश खुश है। विपक्ष ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों के ऊपर जीएसटी का बोझ डालने का आरोप लगाया था, लेकिन आज की कटौती ने उनकी बातों का खंडन किया है। यह हर वर्ग के लिए एक उपहार है।
उन्होंने इस कदम के व्यापक लाभों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि यह विशेष रूप से कृषि क्षेत्र, किसानों, ग्रामीण समुदायों, महिलाओं, स्वास्थ्य एवं खाद्य क्षेत्रों और व्यापारिक समुदाय को सहायता प्रदान करेगा। यह निर्णय किसी एक समूह के लिए नहीं है, बल्कि यह समस्त समाज के लिए है।
पाढ़ी ने जीएसटी सुधार पर बीजद और कांग्रेस की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि उनकी आपत्तियों का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष चाहे कुछ भी कहे, इससे सच्चाई नहीं बदलेगी। ओडिशा के 4.5 करोड़ लोग - महिलाएं, बच्चे, बुज़ुर्ग और युवा सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी राज्य के लिए क्या कर रहे हैं। उनकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पूरा प्रदेश पीएम और सीएम के समर्थन में है। पीएम ने जीएसटी में सुधार किया है, जिससे पूरी जनता खुश है।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली में बड़े बदलाव की घोषणा की है। जीएसटी 2.0 नामक इस नई प्रणाली में सरल दो-स्लैब संरचना और वस्तुओं पर टैक्स लगाने के तरीके में कई परिवर्तन किए गए हैं। ये बदलाव 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगे।