क्या ब्रिक्स देश वैश्विक शासन सुधार में अग्रणी बनने की कोशिश कर रहे हैं? : चीनी प्रधानमंत्री

सारांश
Key Takeaways
- ब्रिक्स देशों को वैश्विक शासन में सुधार लाने की जिम्मेदारी है।
- शांति और सहकारिता पर जोर देने की आवश्यकता है।
- ग्लोबल साउथ के देशों के विकास की रक्षा करना महत्वपूर्ण है।
- चीन नए क्षेत्रों में विकास की संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए तैयार है।
- ब्रिक्स देशों का अंतरराष्ट्रीय प्रभाव लगातार बढ़ रहा है।
रियो डी जेनेरियो, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने रविवार को कहा कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक शासन में सुधार लाने में नेतृत्व करना चाहिए। 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 'शांति और सुरक्षा तथा वैश्विक शासन में सुधार' सत्र को संबोधित करते हुए, ली कियांग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को दुनिया में शांति बनाए रखने और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकालने में मदद करनी चाहिए।
ब्रिक्स देशों के नेताओं ने इस बैठक में भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा ने की। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, ली कियांग ने कहा कि वर्तमान में दुनिया में तेजी से बड़े बदलाव आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय नियम और व्यवस्था को चुनौती दी जा रही है।
ली कियांग ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा प्रस्तुत वैश्विक शासन की सोच, जिसमें सभी की राय लेना, मिलकर योगदान देना और सभी को इसका लाभ मिलना शामिल है, की आज के समय में ज़रूरत और भी अधिक है।
उन्होंने कहा कि जब दुनिया में झगड़े और मतभेद बढ़ रहे हैं, तब हमें बराबरी और आपसी सम्मान के साथ ज्यादा बातचीत करनी चाहिए। सभी देशों के हित आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए हमें एकता के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
ली ने कहा कि ग्लोबल साउथ की अग्रणी शक्ति के रूप में ब्रिक्स देशों को स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता को बनाए रखना चाहिए, जिम्मेदारी दिखानी चाहिए और आपसी सहमति और सहयोग बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
चीनी प्रधानमंत्री ने समूह से नैतिकता और न्याय पर अडिग रहने के साथ-साथ सभी मुद्दों के गुण-दोष के आधार पर मौलिक समाधान तलाशने का आह्वान किया।
ली ने कहा कि ब्रिक्स देशों को विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने वाले क्षेत्रों को मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए और नए क्षेत्रों में विकास की संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
ली कियांग ने बताया कि चीन इस साल ब्रिक्स देशों के लिए 'नई गुणवत्ता वाली उत्पादन क्षमताओं' पर एक रिसर्च सेंटर बनाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी घोषणा की कि ब्रिक्स देशों के लिए एक स्कॉलरशिप शुरू की जाएगी, जिससे उद्योग और टेलीकॉम जैसे क्षेत्रों में नई प्रतिभाओं को तैयार करने में मदद मिलेगी।
ली कियांग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को सभी को साथ लेकर चलने की सोच बढ़ानी चाहिए और अलग-अलग सभ्यताओं के बीच आपसी बातचीत और सीखने को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को सभ्यताओं के बीच मिलकर और शांति से रहने की वकालत करनी चाहिए, ताकि सभी सभ्यताएं एक-दूसरे की मदद से आगे बढ़ सकें।
उन्होंने कहा कि चीन दूसरे ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर वैश्विक शासन को और अधिक न्यायसंगत, समान, कुशल और व्यवस्थित दिशा में बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
बैठक में शामिल देशों के नेताओं ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है और इसमें ज्यादा देशों की भागीदारी बढ़ रही है। इसके कारण ब्रिक्स का अंतरराष्ट्रीय असर भी लगातार बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे ग्लोबल साउथ देशों को उनके विकास के अधिकार की रक्षा करने, अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय को बनाए रखने तथा वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार में भाग लेने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है।