क्या ब्रिक्स सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच के मुद्दे उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच वैश्विक आर्थिक विमर्श के प्रमुख मुद्दे हैं।
- दुनिया को टिकाऊ व्यापार के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली का निष्पक्ष और समावेशी होना आवश्यक है।
- ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग आर्थिक स्थिरता में योगदान कर सकता है।
- कोविड, संघर्ष और जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक स्थिति चिंताजनक है।
नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को वैश्विक आर्थिक विमर्श में व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच को महत्वपूर्ण मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया को टिकाऊ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है।
ब्रिक्स नेताओं के वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "सामूहिक रूप से दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पूर्वानुमानित वातावरण की तलाश कर रही है। साथ ही, यह जरूरी है कि आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के हित में हो।" उन्होंने बताया कि कई व्यवधानों के बीच हमारा लक्ष्य ऐसे झटकों से बचाव करना होना चाहिए।
जयशंकर ने कहा, "व्यापार पैटर्न और बाजार पहुंच आज वैश्विक आर्थिक विमर्श में प्रमुख मुद्दे हैं। बढ़ती बाधाएं और लेन-देन को जटिल बनाने से न कोई मदद मिलेगी।" उन्होंने ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच व्यापार प्रवाह की समीक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विदेश मंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के मूलभूत सिद्धांत खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी होने चाहिए। उन्होंने कोरोना महामारी, यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्षों का हवाला देते हुए वर्तमान वैश्विक स्थिति को चिंताजनक बताया।
उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में कई क्षेत्रों में भारी कमियों का सामना करना पड़ा है। ब्रिक्स ने सुधार की इस जरूरत को सकारात्मक रूप से लिया है।"
ब्रिक्स 11 देशों का एक समूह है, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया, इंडोनेशिया और ईरान शामिल हैं। यह वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए एक राजनीतिक और कूटनीतिक मंच के रूप में कार्य करता है।