क्या कनाडाई विदेश मंत्री अनीता आनंद १२ से १७ अक्टूबर तक भारत, सिंगापुर और चीन की यात्रा करेंगी?

सारांश
Key Takeaways
- कनाडाई विदेश मंत्री अनीता आनंद का भारत दौरा १३ अक्टूबर से शुरू होगा।
- दौरे का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
- आनंद एस जयशंकर और पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगी।
- कनाडा और भारत के बीच व्यापार विविधीकरण पर चर्चा होगी।
- इस यात्रा के दौरान आर्थिक अवसरों पर ध्यान दिया जाएगा।
ओटावा, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद १२ से १७ अक्टूबर (कनाडाई समय) तक भारत, सिंगापुर और चीन के राजनयिक दौरे पर जाएंगी। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य कनाडा की इंडो-पैसिफिक रणनीति के तहत सहयोग को बढ़ावा देना और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
कनाडा सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "आज, विदेश मंत्री माननीय अनीता आनंद ने घोषणा की है कि वह कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति के तहत इन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग को बढ़ाने के लिए १२ अक्टूबर से १७ अक्टूबर तक भारत, सिंगापुर और चीन की यात्रा करेंगी।"
१३ अक्टूबर (भारतीय समय) से शुरू होने वाली अपनी भारत यात्रा के दौरान, आनंद विदेश मंत्री एस जयशंकर और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगी। भारत और कनाडा व्यापार विविधीकरण, ऊर्जा परिवर्तन और सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दों पर रणनीतिक सहयोग की रूपरेखा स्थापित करने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं। इस यात्रा को कार्नी सरकार द्वारा भारत के साथ संबंधों को फिर से स्थापित करने के प्रयासों के बीच देखा जा रहा है।
कनाडाई विदेश मंत्री दोनों देशों में निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक अवसरों पर केंद्रित कनाडाई और भारतीय कंपनियों के साथ चर्चा करने के लिए मुंबई भी जाएंगी।
इससे पहले, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल जून में कनाडा के अल्बर्टा के कनानास्किस में आयोजित जी७ शिखर सम्मेलन के दौरान अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की गई थी।
पिछले महीने, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने भी अपनी कनाडाई समकक्ष नथाली जी ड्रोइन से मुलाकात की और आतंकवाद-निरोध, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने राजनीतिक नेतृत्व के उच्चतम स्तरों पर विश्वास के पुनर्निर्माण और सहयोग के विस्तार की स्पष्ट गति को स्वीकार किया। उन्होंने आतंकवाद-निरोध, अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से निपटने और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों सहित द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर उपयोगी चर्चा की।