क्या सीबीआई ने झारखंड में सीसीएल के प्रबंधक को रिश्वत लेते पकड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई की सक्रियता भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सकारात्मक संकेत है।
- रिश्वतखोरी का मामला गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
- आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत मिलना न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रांची, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक रिश्वतखोरी मामले के तहत सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई झारखंड के सीसीएल, डाकरा परियोजना कार्यालय में तैनात मानव संसाधन प्रबंधक पर की गई है। सीबीआई ने उन्हें 50,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है।
सीबीआई के अनुसार, यह कार्रवाई 6 नवंबर को प्राप्त शिकायत के आधार पर की गई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि संबंधित प्रबंधक ने उससे नियुक्ति के आवेदन पर कार्रवाई करने के लिए 1,50,000 रुपए की रिश्वत मांगी थी।
आरोपी ने पहली किस्त के रूप में 50,000 रुपए स्वीकार करने पर सहमति जताई थी। सीबीआई ने शिकायत की सत्यता की जांच के बाद ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई और इसे लागू किया।
जैसे ही आरोपी ने शिकायतकर्ता से 50,000 रुपए की रिश्वत ली, टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मौके से रिश्वत की राशि बरामद कर ली गई है।
एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया, जहां से कई दस्तावेज और संभावित साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं।
इससे पहले, सीबीआई ने पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के बेटे अकील अख्तर की संदिग्ध स्थिति में मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज की थी। एजेंसी ने एफआईआर में चार लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें अकील के पिता, मां और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजिया सुल्ताना, अकील की पत्नी और बहन शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, अकील अख्तर की मौत 16 अक्टूबर को संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। वह पंचकूला के सेक्टर-4 में अपने घर में रहते थे। उनके परिवार के भीतर लंबे समय से तनाव चल रहा था। बताया जा रहा है कि अकील और उसके परिजनों के बीच कई मुद्दों को लेकर गंभीर मतभेद थे।