क्या सीएम नीतीश ही एनडीए की ओर से चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं?: चिराग पासवान
सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान का बयान सीएम चेहरे को लेकर महत्वपूर्ण है।
- नीतीश कुमार का नेतृत्व एनडीए के लिए स्पष्ट है।
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर जोर दिया गया है।
- मुस्लिम समुदाय को विकास यात्रा में शामिल होने का आग्रह किया गया है।
- चुनाव प्रक्रिया को लेकर अन्य दलों पर भी तंज कसा गया है।
पटना, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजनीति में सीएम चेहरे को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही एनडीए की तरफ से चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं और आगे की प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से तय की जाएगी।
चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एक ही घोषणा कितनी बार की जाएगी? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं और जैसा कि गृह मंत्री पहले ही कह चुके हैं, चुनाव के बाद जो विधायक जीतकर आएंगे, वही मुख्यमंत्री का चयन करेंगे। यही सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जब राजस्थान जैसे राज्यों का जिक्र होता है, तो यह याद रखना चाहिए कि वहां केवल एक ही पार्टी चुनाव लड़ रही थी, जबकि बिहार में एनडीए के तहत पांच दल मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र की मर्यादा यही है कि हर दल के विधायक को अपनी बात रखने का अवसर मिले। मेरे जितने विधायक जीतकर आएंगे, वही मुख्यमंत्री के चयन का निर्णय करेंगे।
चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव के सीएम चेहरे के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, "गलती से कुछ लोगों ने सीएम चेहरे की घोषणा कर दी तो उन्हें लगने लगा कि वे मुख्यमंत्री बन गए। नाम कैसे तय हुआ, यह सबको पता है—कभी आंख दिखाकर, कभी डराकर-धमकाकर नाम मनवाया गया।”
चिराग पासवान ने वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी पर भी निशाना साधते हुए कहा, "आज मुकेश सहनी खुश हैं कि वे डिप्टी सीएम चेहरे हैं, लेकिन उनका समाज देख रहा है कि यह फैसला कैसे लिया गया। इसके लिए कितनी मिन्नतें और हाथ-पांव जोड़ने पड़े, यह सबको मालूम है।”
राजद नेता तेजस्वी यादव पर प्रहार करते हुए चिराग ने कहा कि अगर तेजस्वी का नाम इतनी आसानी से घोषित किया जाता, तो राहुल गांधी जो इतने दिनों तक बिहार में रहे, क्यों नहीं उनके नाम की घोषणा कर गए? उन्हें पता है कि जैसे ही तेजस्वी का नाम घोषित होगा, जनता को 90 के दशक का जंगलराज याद आ जाएगा।
तेजस्वी यादव को 'जननायक' कहे जाने पर चिराग ने तीखा कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जननायक की उपाधि पाने के लिए अच्छे कार्य करने पड़ते हैं। आपने ऐसा कौन सा कार्य किया है कि आपको जननायक कहा जाए? आपकी पार्टी के अंदर ही इस पर मतभेद हैं। आपके परिवार के दो सदस्य बिहार के मुख्यमंत्री बन चुके हैं, लेकिन उन्हें कभी जननायक की उपाधि नहीं दी गई, क्योंकि उनके कार्यकाल को ‘जंगलराज’ के नाम से जाना गया। जननायक की उपाधि कर्पूरी ठाकुर और जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं को शोभा देती है।
चिराग पासवान ने मुस्लिम समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 11 सालों से यह कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए सरकार मुसलमानों के हित में नहीं है, लेकिन इन वर्षों में मुस्लिम समाज के लोगों ने भी अनेक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाया है। ऐसे में डर की राजनीति से बाहर आना होगा।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार बनने जा रही है। आने वाले पांच साल बिहार और बिहारियों के लिए स्वर्णिम काल साबित होंगे। मुस्लिम समाज को भी इस विकास यात्रा का हिस्सा बनना चाहिए।
चिराग ने कहा कि यदि मुस्लिम समुदाय डर के आधार पर किसी अन्य पार्टी का समर्थन करता रहा, तो “वोट बैंक की राजनीति और लूट की परंपरा” जारी रहेगी। उन्होंने कहा, “अगर महागठबंधन को मुस्लिम समाज की इतनी ही चिंता होती, तो वे एक उपमुख्यमंत्री अल्पसंख्यक समाज से बनाते। एमवाई समीकरण की बात तो करेंगे, लेकिन ‘वाई’ एक परिवार तक सीमित रह जाएगा और ‘एम’ को सिर्फ वोट बैंक बनाकर रखा जाएगा।”
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर द्वारा मतदाता पहचान पत्र पर उठाए गए सवालों पर चिराग पासवान ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, “जब आपके पास खुद दो मतदाता पहचान पत्र हैं तो आप दूसरों पर सवाल कैसे उठा सकते हैं? यह अनजाने में हुई गलती नहीं, बल्कि जानकारी होते हुए भी सुधार न करना एक बड़ी चूक है।”