क्या पिता कभी 'आधार' तो कभी ‘उड़ान’ का जरिया बन सकते हैं? सिनेमा ने दिखाया खूबसूरत रिश्ता

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क्या पिता कभी 'आधार' तो कभी ‘उड़ान’ का जरिया बन सकते हैं? सिनेमा ने दिखाया खूबसूरत रिश्ता

सारांश

इस लेख में, हम भारतीय सिनेमा में पिता और बच्चों के रिश्ते को दर्शाने वाली कुछ बेहतरीन फिल्मों पर चर्चा करेंगे। ‘दंगल’, ‘पीकू’, ‘उड़ान’ और ‘बागबान’ जैसी फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि पिता के त्याग और बच्चों के प्रति उनके प्यार को भी उजागर करती हैं। आइए जानें इन फिल्मों की कहानी और संदेश।

Key Takeaways

  • पिता-पुत्री का रिश्ता एक अनमोल बंधन है।
  • सिनेमा ने इस रिश्ते को भावनात्मक रूप से प्रस्तुत किया है।
  • फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि परिवार के महत्व को भी उजागर करती हैं।
  • पिता का त्याग और बच्चों के प्रति उनका प्यार महत्वपूर्ण है।
  • इन फिल्मों में रिश्तों की गहराई को दर्शाया गया है।

मुंबई, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। किसी ने पिता के बारे में सही कहा है, ‘उनके होने से बख्त होते हैं, बाप घर के दरख्त होते हैं।’ साहित्य और सिनेमा ने भी पिता और बच्चों के बीच के इस खूबसूरत रिश्ते को पर्दे पर उतारा है। इस श्रेणी में भावनात्मक कहानी ‘बागबान’ के साथ-साथ बेटियों की किस्मत संवारने वाले सख्त पिता की कहानी ‘दंगल’ भी शामिल है। ऐसी कई फिल्में हैं जो इस रिश्ते को बखूबी दर्शाती हैं।

पिता और बच्चे का रिश्ता एक अनमोल बंधन है। भारतीय सिनेमा ने इस रिश्ते को कई भावनात्मक और प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से खूबसूरती से चित्रित किया है। ये फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि परिवार, जिम्मेदारी और प्यार के महत्व को भी उजागर करती हैं।

नीतेश तिवारी की ‘दंगल’ जो 2016 में रिलीज हुई थी, में आमिर खान ने महावीर सिंह फोगाट की भूमिका निभाई है, जो अपनी बेटियों गीता और बबीता को कुश्ती में विश्वस्तरीय चैंपियन बनाने के सपने में डूबे रहते हैं। यह फिल्म एक पिता की दृढ़ता और अपनी बेटियों के प्रति विश्वास को दिखाती है। महावीर का सख्त लेकिन प्रेमपूर्ण रिश्ता और बेटियों की मेहनत दर्शकों को प्रेरित करता है। यह फिल्म पिता और बच्चे के बीच विश्वास, मार्गदर्शन और सपनों के साकार करने की कहानी है।

दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और इरफान खान की ‘पीकू’ जो 2015 में आई, एक हृदयस्पर्शी फिल्म है। इस फिल्म में पिता-पुत्री के रिश्ते की कठिनाइयों और प्रेम को दर्शाया गया है। अमिताभ बच्चन ने 70 वर्षीय सनकी और जिद्दी पिता भास्कर बनर्जी का किरदार निभाया है, जो अपनी बेटी पीकू (दीपिका पादुकोण) के साथ दिल्ली में रहता है। जब पिता-पुत्री कोलकाता की यात्रा पर निकलते हैं, तो उनके बीच तकरार और प्यार उभरता है। शुजित सरकार के निर्देशन में बनी यह फिल्म बाप-बेटी के रिश्तों की गहराई को खूबसूरती से उजागर करती है।

‘उड़ान’ जो 2010 में रिलीज हुई थी, में विक्रमादित्य मोटवानी ने युवा रोहन (रजत बरमेचा) और उसके सख्त पिता (रोनित रॉय) के रिश्ते की कहानी को दर्शाया है। यहाँ पिता का सख्त अनुशासन और बेटे की अपनी पहचान बनाने की चाह के बीच टकराव को बखूबी दिखाया गया है। यह फिल्म पिता-पुत्र के रिश्ते में समझ और स्वतंत्रता के महत्व को उजागर करती है।

साल 2009 में आई फिल्म ‘पा’, जिसका निर्देशन आर. बाल्की ने किया। यह एक अनोखी कहानी है, जिसमें अमिताभ बच्चन ने 12 साल के बच्चे औरो का किरदार निभाया है, जो प्रोजेरिया नामक बीमारी से पीड़ित है। पिता की भूमिका में अभिषेक बच्चन (अमोल) हैं, जो एक महत्वाकांक्षी राजनेता हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे एक पिता अपने बेटे की बीमारी के समय उसे संभालता है और उसके साथ और भी गहरा रिश्ता बनाता है। औरो की मासूमियत और अमोल का अपने बेटे के प्रति समर्पण दर्शकों को भावुक कर देता है।

साल 2003 में आई मल्टी स्टारर फिल्म ‘बागबान’ जितनी बार देखी जाए, उतनी ही नई लगती है। रवि चोपड़ा की ‘बागबान’ में अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी ने एक बुजुर्ग दंपति की भूमिका निभाई है, जिन्होंने अपने बच्चों की परवरिश में जीवन समर्पित कर दिया। फिल्म में राज मल्होत्रा (अमिताभ) का अपने बच्चों के प्रति प्रेम और उनके प्रति बच्चों की उपेक्षा का दर्द सहजता से प्रस्तुत किया गया है। यह फिल्म इस बात पर जोर देती है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए कितना कुछ करते हैं और बदले में केवल प्यार और सम्मान की अपेक्षा रखते हैं।

Point of View

हमें यह स्वीकार करना होगा कि भारतीय सिनेमा ने पिता और बच्चों के रिश्ते को नई ऊँचाई दी है। इन कहानियों ने न केवल समाज को जागरूक किया है, बल्कि परिवार के महत्व को भी उजागर किया है। हमें इन रिश्तों को समझने और सराहने की आवश्यकता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्या ‘दंगल’ फिल्म पिता और बेटी के रिश्ते को दर्शाती है?
हाँ, ‘दंगल’ फिल्म एक पिता और उसकी बेटियों के सपनों और संघर्षों की कहानी है, जो प्रेरणादायक है।
‘पीकू’ फिल्म में पिता और पुत्री के रिश्ते को कैसे दर्शाया गया है?
‘पीकू’ में पिता-पुत्री के रिश्ते की जटिलताओं और प्रेम को दर्शाया गया है, जो हृदयस्पर्शी है।
क्या ‘उड़ान’ फिल्म में पिता का सख्त अनुशासन दिखाया गया है?
हाँ, ‘उड़ान’ में पिता का अनुशासन और बेटे की स्वतंत्रता की चाह के बीच टकराव को दिखाया गया है।
फिल्म ‘बागबान’ का संदेश क्या है?
‘बागबान’ यह संदेश देती है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए कितना त्याग करते हैं और बदले में प्यार और सम्मान की अपेक्षा करते हैं।
क्या इन फिल्मों के माध्यम से परिवार के महत्व को उजागर किया गया है?
हाँ, इन फिल्मों में परिवार, जिम्मेदारी और प्यार के महत्व को खूबसूरती से दर्शाया गया है।