क्या भारतीय तकनीक ने दुनियाभर में धूम मचाई है? : सीएम मोहन यादव

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय संस्कृति का आधार स्वदेशी की भावना है।
- स्वदेशी उत्पादों का उपयोग देश की आर्थिक समृद्धि में सहायक है।
- मुख्यमंत्री ने स्वदेशी आंदोलन को मजबूत करने के लिए प्रयास करने की बात की।
- भारतीय तकनीक आज विश्व में प्रगति कर रही है।
- धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है।
भोपाल, 30 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि भारतीय संस्कृति का आधार स्वदेशी की भावना पर है। आज तकनीक के इस युग में, भारतीय तकनीक ने दुनिया में एक अलग पहचान बनाई है। राजधानी भोपाल के कुशाभाउ ठाकरे सभागार में आयोजित स्वदेशी से स्वावलंबन संगोष्ठी में उन्होंने कहा कि आज हर देश यह समझ रहा है कि इस समय स्वदेशी की भावना सबसे महत्वपूर्ण है। सभी जटिल प्रश्नों का समाधान केवल स्वदेशी की भावना में है।
उन्होंने भारतीय संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए कहा, "परमात्मा की कृपा से हमारा संस्कृति हमेशा से स्वदेशी की भावना पर आधारित रहा है। पहले, जो भी आवश्यकता होती थी, वह सब गांव में ही उपलब्ध हो जाता था। आज तकनीक में परिवर्तन आया है, लेकिन भारतीय तकनीक अब भी संसार में धूम मचा रही है।"
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस अवसर पर संकल्प लिया कि वे देश को समृद्ध और विकसित बनाने के लिए स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करेंगे। स्वदेशी से स्वावलंबी बनने के लिए स्वदेशी उत्पादों की खरीद करेंगे और लोगों को इसके प्रति जागरूक करेंगे।
भारत की आर्थिक स्थिति पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा, "जब हम दुनिया की तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की ओर बढ़ रहे हैं, तो इसमें हमारी जीवनशैली का बड़ा योगदान है। आजादी के पहले से ही स्वदेशी की भावना के बल पर हमने अंग्रेजों से संघर्ष किया।"
राज्य सरकार द्वारा स्वदेशी आंदोलन को मजबूती प्रदान करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने स्वदेशी के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। हमारी सांस्कृतिक धारा हमेशा स्वदेशी के भाव के आधार पर हमें आगे ले जाती है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए हैं और अपने जंगलों को जीव-जंतु से आबाद कर रहे हैं।