क्या सीएम योगी का विजन साकार होगा? सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा यूपी के रेशम उद्योग की पहचान

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क्या सीएम योगी का विजन साकार होगा? सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा यूपी के रेशम उद्योग की पहचान

सारांश

सीएम योगी आदित्यनाथ के सॉइल टू सिल्क दृष्टिकोण के तहत, यूपी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण हो रहा है। यह केंद्र न केवल रेशम उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। जानें इस पहल के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • सेंटर ऑफ एक्सीलेंस रेशम उद्योग को वैश्विक पहचान दिलाएगा।
  • नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
  • किसानों को वैज्ञानिक जानकारी उपलब्ध होगी।
  • स्थानीय कारीगरों के उत्पादों की सीधी बिक्री होगी।
  • यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी।

लखनऊ, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सॉइल टू सिल्क का दृष्टिकोण साकार करने के लिए रेशम निदेशालय, उत्तर प्रदेश में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण कर रहा है। 75 लाख रुपए की लागत से रेशम निदेशालय के कार्यालय परिसर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जो इस महीने के अंत तक पूर्ण होने की उम्मीद है।

रेशम निदेशालय का यह विशेष प्रयास प्रदेश के पारंपरिक रेशम उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा।

यह सेंटर रेशम उत्पादन की संपूर्ण प्रक्रिया 'सॉइल टू सिल्क' को जीवंत रूप से प्रदर्शित करेगा, जिसमें किसानों से लेकर कारीगरों तक की यात्रा का विवरण होगा। मलबरी और टसर सिल्क के लिए रेशम के कीड़ों को शहतूत और अर्जुन के वृक्षों पर पालने की प्रक्रिया, उनके कोकून से रेशम निकालकर धागा बनाना और धागों से हथकरघा व पॉवरलूम पर रेशम की कताई की प्रक्रिया को भी दर्शाया जाएगा। इसके अलावा, सेंटर पर प्रदेश के उत्कृष्ट रेशम उत्पादों की बिक्री की जाएगी, जिन्हें पहले मुख्यतः एक्सपोर्ट के माध्यम से विदेशों में भेजा जाता था।

रेशम निदेशालय के असिस्टेंट डायरेक्टर नीरेंद्र कुमार और आशुतोष ने बताया कि यहां प्रदेश के उत्कृष्ट सिल्क उत्पादों, जैसे वाराणसी की साड़ी और भदोही का ब्रोकेड, मिर्जापुर का टसर सिल्क और अन्य जिलों के हैंडलूम वस्त्रों का आकर्षक प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही, एक बिक्री केंद्र भी स्थापित किया जाएगा, जहां पर्यटक और खरीदार सीधे स्थानीय कारीगरों के उत्पाद खरीद सकेंगे।

एक चेंजिंग रूम का भी निर्माण किया जा रहा है, जो जल्द ही पूरा हो जाएगा। इससे रेशम उद्योग को केवल आर्थिक मजबूती ही नहीं मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति प्राप्त होगी। यह सेंटर आधुनिक तकनीक से लैस होगा, जिसमें इंटरएक्टिव डिस्प्ले, वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेंटर शामिल होंगे। किसानों को रेशम कीट पालन से लेकर प्रोसेसिंग तक की वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की जाएगी।

उत्तर प्रदेश रेशम उत्पादन के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है, लेकिन स्थानीय चुनौतियों, मार्केटिंग की कमी और जागरूकता के अभाव के कारण कारीगरों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता। सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री रेशम विकास योजना और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से इन समस्याओं का समाधान किया जाएगा। यहां पर्यटकों के लिए गाइडेड टूर और वर्कशॉप भी आयोजित की जाएंगी, जो युवाओं को इस क्षेत्र में रुचि जगाएंगी। इस पहल से न केवल रोजगार सृजन होगा, बल्कि यह प्रदेश के परंपरागत उद्यम और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

Point of View

बल्कि यह स्थानीय कारीगरों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में यह कदम प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का महत्वपूर्ण माध्यम बनेगा।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का मुख्य उद्देश्य रेशम उत्पादन की संपूर्ण प्रक्रिया को प्रदर्शित करना और स्थानीय कारीगरों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
क्या यहाँ पर रेशम उत्पादों की बिक्री होगी?
हाँ, यहाँ प्रदेश के उत्कृष्ट रेशम उत्पादों की बिक्री होगी, जिससे स्थानीय कारीगरों को सीधे लाभ होगा।
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