क्या सीएमएस का विवादित बयान पड़ा भारी? सरकार पर टिप्पणी के बाद निलंबित

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क्या सीएमएस का विवादित बयान पड़ा भारी? सरकार पर टिप्पणी के बाद निलंबित

सारांश

लखनऊ से एक बड़ी खबर, जहां सुल्तानपुर के अस्पताल के सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद को विवादित बयान देने के बाद निलंबित कर दिया गया है। क्या यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में और गहराई में जाएगा? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • सीएमएस का विवादास्पद बयान स्वास्थ्य सेवा में अनियमितताओं को दर्शाता है।
  • आरोपों की जांच के बाद तत्काल निलंबन किया गया।
  • अस्पताल में दवाइयों की गड़बड़ी की पुष्टि हुई।
  • राजनीतिक दलों के बीच स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दे पर बहस जारी है।
  • सामाजिक मीडिया पर वायरल हुए बयान ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

लखनऊ, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में स्थित वीर सिंहपुर के 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय के कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. भास्कर प्रसाद को शासन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर अस्पताल के संचालन में अनियमितता, अनुशासनहीनता, और सरकार के खिलाफ विवादित बयान देने के आरोप लगाए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित कुमार घोष ने निलंबन का आदेश जारी करते हुए डॉ. प्रसाद को अयोध्या मंडल के अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यालय से संबद्ध कर दिया है।

आदेश में डॉ. भास्कर पर तीन प्रमुख आरोप लगाए गए हैं: अस्पताल संचालन में गड़बड़ी करना, भर्ती मरीजों को अस्पताल से बाहर से दवाइयां मंगवाना, और बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन में नियमों की अनदेखी करना।

आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि निलंबन अवधि में डॉ. प्रसाद का मुख्यालय अयोध्या रहेगा और वे किसी अन्य विभागीय या व्यावसायिक कार्य में संलग्न नहीं होंगे। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वंशराज दुबे ने वीर सिंहपुर अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर धरना शुरू किया था। शनिवार को जब डॉ. भास्कर उनसे बातचीत करने पहुंचे तो वंशराज ने कहा कि अगर व्यवस्थाएं ठीक नहीं हुईं तो 'आपकी अर्थी निकालेंगे।'

इस पर डॉ. भास्कर ने जवाब दिया, ''अर्थी निकालनी है तो सरकार की निकालो, सीएमएस और सीएमओ की क्यों।''

डॉ. भास्कर की यह टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बवाल मच गया। स्थानीय भाजपा विधायक राज प्रसाद उपाध्याय तुरंत अस्पताल पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

रविवार को अयोध्या के एडी स्वास्थ्य डॉ. बृजेश कुमार सिंह चौहान ने अस्पताल पहुंचकर जांच की। उन्होंने मरीजों से बातचीत में पाया कि अस्पताल में वाकई बाहर से दवाएं मंगाई जा रही हैं। इसके बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए प्रभारी सीएमएस डॉ. भास्कर प्रसाद को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकारी कर्मचारियों को अपनी जिम्मेदारियों का कितना ध्यान रखना चाहिए। हमें एक स्वस्थ और प्रभावी स्वास्थ्य प्रणाली की आवश्यकता है जो जनता की भलाई सुनिश्चित करे।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

डॉ. भास्कर प्रसाद का विवादित बयान क्या था?
डॉ. भास्कर ने कहा था कि अगर व्यवस्था ठीक नहीं हुई तो 'आपकी अर्थी निकालेंगे', जिसे सरकार के खिलाफ विवादित माना गया।
डॉ. भास्कर को क्यों निलंबित किया गया?
उन्हें अस्पताल संचालन में अनियमितता, अनुशासनहीनता और विवादित बयान देने के आरोप में निलंबित किया गया।
निलंबन के बाद डॉ. भास्कर का मुख्यालय कहां होगा?
निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय अयोध्या होगा।
क्या अस्पताल में दवाइयां बाहर से मंगाई जा रही थीं?
हां, जांच के दौरान पाया गया कि अस्पताल में बाहर से दवाइयां मंगाई जा रही थीं।
क्या इस मामले का राजनीतिक पहलू है?
हां, आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने इस मामले को राजनीतिक रूप से उठाया था, जिससे यह मामला सुर्खियों में आया।