क्या कांग्रेस ने सौ वर्षों से आरएसएस के खिलाफ हर प्रकार की साजिशें रची हैं?
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप।
- आरएसएस के खिलाफ साजिशों का इतिहास।
- टीएमसी नेताओं का विवादित बयान।
- राष्ट्रवादी तत्वों के खिलाफ खड़े होने का आरोप।
- घुसपैठियों की रक्षा का मुद्दा।
नई दिल्ली, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगाए, साथ ही कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध हटाने से इंकार करने और टीएमसी नेता असीमा पात्रा की धमकियों की निंदा की।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले सौ वर्षों से आरएसएस के खिलाफ हर प्रकार की साजिशें की हैं। एक ओर, उन्होंने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया, जो कि एक राष्ट्रवादी संगठन है, जबकि अदालतों ने कहा है कि ऐसे प्रतिबंध नहीं लगाए जाने चाहिए। दूसरी ओर, पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) को क्लीन शीट दी गई है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस राष्ट्रवादी तत्वों के साथ नहीं, बल्कि टुकड़े-टुकड़े तत्वों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से यह बता दिया है कि वे आईएनसी (इंडियन नेशनल कांग्रेस) नहीं, बल्कि जेएनसी यानी जिन्ना नेशनल कांग्रेस हैं।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के बयान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मतलब मुस्लिम और मुस्लिम का मतलब कांग्रेस है। कांग्रेस के लिए वोट बैंक, मुस्लिम और शरिया पहले हैं, जबकि उनके लिए देश, संविधान और पिछड़ा वर्ग पहले नहीं हैं। राहुल गांधी ने एक बार कहा था कि हम एक मुस्लिम पार्टी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार मुस्लिमों का होना चाहिए, इसलिए वे बाबा साहब के खिलाफ जाकर मुस्लिम आरक्षण की बात करते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूसीसी का विरोध करती है। मजहब के नाम पर घुसपैठियों का बचाव करती है। ये लोग संविधान को नहीं, बल्कि वोट बैंक को प्राथमिकता देते हैं। इनका उद्देश्य हिंदुस्तान और हिंदुओं का अपमान करना है।
पश्चिम बंगाल में एसआईआर के विवाद पर शहजाद पूनावाला ने कहा कि टीएमसी नेताओं ने चुनाव आयोग के हाथ-पैर तोड़ने और भाजपा नेता को आग लगाने की बात की है। वास्तव में, यह एसआईआर का विरोध नहीं है, बल्कि यह एक प्रकार की अराजकता है। ये लोग घुसपैठियों के हितैषी हैं और उन्हें डर है कि बाहर से आए लोग वोटर लिस्ट से कहीं हटा न दिए जाएं।