क्या डेयरी सेक्टर को मिली नई सौगात? 947 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन

सारांश
Key Takeaways
- 947 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन हुआ।
- गांवों में आजीविका का सुधार होगा।
- पशुधन और मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में आईवीएफ प्रयोगशाला का उद्घाटन।
- किसानों को विविधीकरण के विकल्प मिलेंगे।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के पशुधन और डेयरी क्षेत्र को नई दिशा देने के लिए 947 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया और 219 करोड़ रुपए मूल्य के अतिरिक्त प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी गई। यह जानकारी रविवार को सरकार द्वारा प्रदान की गई।
ये प्रोजेक्ट्स कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्र में किए गए एक बड़े निवेश पैकेज का हिस्सा हैं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को आरंभ किया।
इन प्रोजेक्ट्स को दो प्रमुख कृषि योजनाओं—प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना (पीएम-डीडीकेवाई) और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के शुभारंभ के साथ ही देश को समर्पित किया गया। यह शुरुआत ग्रामीण आजीविका को सुदृढ़ करने और कृषि-संबंधित क्षेत्रों में भारत के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत ग्रामीण आजीविका को मज़बूत करने में पशुधन, मत्स्य पालन और संबंधित गतिविधियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना हमारे पशुधन को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है। आप जानते हैं कि पशुओं को खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाने के लिए 125 करोड़ से अधिक टीके मुफ्त लगाए गए हैं। इससे पशु स्वस्थ हुए हैं और किसानों की चिंता भी कम हुई है। पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत, स्थानीय स्तर पर पशु स्वास्थ्य से जुड़े अभियानों का आयोजन भी किया जाएगा।”
प्रधानमंत्री ने ग्रामीण समृद्धि के लिए विविधीकरण के महत्व पर बल देते हुए कहा, "जहां खेती संभव नहीं है, वहां पशुपालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों की आय बढ़ाने के लिए, हमारी सरकार उन्हें पारंपरिक खेती के अलावा अन्य विकल्प भी दे रही है। इसलिए, अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन, मछली पालन और मधुमक्खी पालन पर जोर दिया जा रहा है। इससे छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों को भी सशक्त किया जा रहा है।”
इस अवसर पर पूर्वोत्तर क्षेत्र की पहली आईवीएफ प्रयोगशाला का उद्घाटन भी हुआ, जिसे राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) के तहत 28.93 करोड़ रुपए के निवेश से गुवाहाटी (असम) में स्थापित किया गया है। यह अत्याधुनिक सुविधा पूर्वोत्तर राज्यों में डेयरी विकास और नस्ल सुधार को एक बड़ा प्रोत्साहन देगी।
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) के तहत, कई बड़े पैमाने पर डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया गया। इनमें मेहसाणा मिल्क यूनियन परियोजना शामिल है, जिसमें 460 करोड़ रुपए की लागत से विकसित 120 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता वाला मिल्क पाउडर प्लांट और 3.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला यूएचटी प्लांट शामिल है।
इसके अलावा कार्यक्रम के अंतर्गत इंदौर मिल्क यूनियन द्वारा 76.50 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित 30 टन प्रतिदिन क्षमता वाला मिल्क पाउडर प्लांट, भीलवाड़ा मिल्क यूनियन द्वारा 46.82 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित 25,000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला यूएचटी प्लांट और नुस्तुलापुर, करीमनगर, तेलंगाना में 25.45 करोड़ रुपए की लागत से विकसित एक ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट भी शामिल है। डेयरी नेटवर्क का विस्तार करते हुए, एनपीडीडी के तहत 219 करोड़ रुपए के कुल निवेश के साथ, आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कुप्पम मंडल में एक एकीकृत डेयरी संयंत्र और 200 टीपीडी मवेशी चारा संयंत्र की आधारशिला रखी गई।
-- राष्ट्र प्रेस
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