क्या दार्जिलिंग में बारिश और भूस्खलन से हुई तबाही के लिए नेता जिम्मेदार हैं?

सारांश
Key Takeaways
- दार्जिलिंग में भारी बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचाई है।
- राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया है।
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राहत कार्यों की जानकारी दी है।
- भविष्य के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।
- पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं।
नई दिल्ली/कोलकाता, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग और उसके आस-पास के क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने भयंकर तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की जानें गई हैं। इस दुखद घटना के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "
दार्जिलिंग में हुई इस दुखद जनहानि से मैं गहरे दुःख में हूँ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करती हूँ।"
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने इस पुल हादसे में हुई हानि पर गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा, "मैं दार्जिलिंग में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि उत्तर और दक्षिण बंगाल में अचानक हुई बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि 12 घंटे में 300 मिमी से अधिक वर्षा हुई है, जिससे भारी नुकसान हुआ है।
उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और राहत उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। ममता ने कहा, "हमने कुछ भाई-बहनों को खो दिया है।"
उन्होंने यह भी बताया कि कई पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार के क्षेत्र पानी में डूब गए हैं।
ममता ने कहा कि वह स्थिति की लगातार निगरानी कर रही हैं और पर्यटकों से सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बाढ़ की खबरों पर गहरा दुख व्यक्त किया और केंद्र सरकार से राहत प्रदान करने की अपील की।