क्या छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा पर झीरम मेमोरियल की उपेक्षा और गौ संरक्षण के मुद्दे पर सवाल उठाए?

सारांश
Key Takeaways
- दीपक बैज की भाजपा सरकार पर तीखी आलोचना
- झीरम मेमोरियल का उपेक्षित होना
- गौ संरक्षण के मुद्दे पर सरकार की विफलता
- आगामी दौरे पर अमित शाह की योजनाएं
- राजनीतिक संवेदनहीनता का सवाल
रायपुर, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने जगदलपुर के झीरम मेमोरियल में शहीद नेताओं की मूर्ति पर शराब की बोतल फोड़ने की घटना को लेकर राज्य की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया।
बैज ने कहा कि यह घटना सरकार की संवेदनहीनता और कुत्सित मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने गौ संरक्षण और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आगामी दौरे पर भी अपनी बातें रखी। उनका कहना था कि झीरम घाटी में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं, जनप्रतिनिधियों और पुलिस जवानों की याद में बनाए गए झीरम मेमोरियल को भाजपा सरकार ने उपेक्षित किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मेमोरियल में तोड़-फोड़ की गई है और यह शराबियों का अड्डा बन चुका है। यह छत्तीसगढ़ और बस्तर की धरोहर है, लेकिन सरकार और जिला प्रशासन इसे संरक्षित करने में पूरी तरह विफल रहे हैं। यह उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 22 जून को प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे पर बैज ने तंज कसते हुए कहा, "जब भी वे बस्तर जाते हैं, वहां के खनिज संसाधनों को निशाना बनाते हैं। अब तक उनके दौरे में चार खनिज संपदाएं बेची जा चुकी हैं। उनका छत्तीसगढ़ आना यानी राज्य के संसाधनों के लिए खतरा।" शाह इस दौरे में रायपुर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए भूमि पूजन करेंगे।
तेलंगाना सरकार की गौ संरक्षण योजनाओं की तारीफ करते हुए बैज ने कहा, "तेलंगाना के मुख्यमंत्री और सरकार को बधाई। लेकिन छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार ने गौ संरक्षण की हमारी योजनाएं बंद कर दीं। यह सरकार गौमाता के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रही है। लेकिन, एक भी योजना नहीं बनाई गई। सड़क पर गायों की दुर्दशा और लगातार हो रही घटनाएं इसका सबूत हैं।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर आंदोलन किया, लेकिन सरकार केवल दिखावा कर रही है।
बैज ने बीजेपी पर फर्जी राष्ट्रवाद का ढोंग करने का आरोप लगाया और कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता सरकार की असलियत समझ चुकी है। उन्होंने मांग की कि झीरम मेमोरियल को तुरंत ठीक किया जाए और गौ संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।