क्या दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 300 लखपति दीदियों ने काम को सम्मान और पहचान मिली?

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क्या दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 300 लखपति दीदियों ने काम को सम्मान और पहचान मिली?

सारांश

दिल्ली के 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में 300 लखपति दीदियों का आगमन हुआ है। सरस पवेलियन में उनकी मेहनत और हुनर की कद्र की जा रही है, और यह महिला सशक्तिकरण के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। आइए, जानते हैं इन दीदियों की कहानियों के बारे में।

Key Takeaways

  • 300 लखपति दीदियों का सरस पवेलियन में प्रदर्शन।
  • महिलाओं का सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता।
  • भारत के 31 राज्यों की संस्कृति का संगम।
  • बाजार में उत्पादों की मांग का पता।
  • एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव का प्रतीक।

नई दिल्ली, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में आयोजित 44वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (ट्रेड फेयर) में हॉल नंबर 8, 9 और 10 में स्थापित सरस पवेलियन इस बार एक विशेष आकर्षण बन गया है। इसका मुख्य कारण है विभिन्न राज्यों से आई लखपति दीदियां, जिन्होंने अपनी मेहनत और हुनर के बल पर आत्मनिर्भरता हासिल की है।

सरस पवेलियन में लगभग 150 स्टॉल्स पर करीब 300 लखपति दीदियां अपने-अपने राज्यों के अनोखे प्रोडक्ट्स प्रदर्शित कर रही हैं। यहां का विशेष पहलू यह है कि हर जगह महिलाओं का नेतृत्व देखने को मिलता है। यह दृश्य महिला सशक्तिकरण की एक नई परिकल्पना को दर्शाता है।

भारत के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए प्रतिभागियों के स्टॉल यहां लगे हुए हैं। छोटे से सरस पवेलियन में एक प्रकार का 'लघु भारत' दिखाई दे रहा है, जहां हर राज्य की संस्कृति, कला और परंपराओं का एक अद्भुत संगम है।

मेघालय से आईं अलीशा ने बताया कि लखपति दीदी योजना ने उन्हें प्रगति का एक अद्भुत अवसर प्रदान किया है। वह अपने हैंडिक्राफ्ट प्रोडक्ट्स के साथ यहां आई हैं।

गुजरात की निर्मला बेन ने कहा कि सरस मेला उनके लिए एक सुनहरा अवसर बनकर आया है। उन्होंने खुशी से कहा कि वह लखपति बन गई हैं और अब करोड़पति दीदी बनने की योजना बना रही हैं।

नगालैंड की प्रतिनिधि मिसपी सलहा ने बताया कि उनके पास प्रोडक्ट्स बनाने की कला तो थी, लेकिन बाजार तक पहुंच नहीं थी।

उन्होंने कहा कि हम बहुत कुछ बनाते हैं, पर बेचने के लिए सही लिंक नहीं मिलते। यहाँ आकर हमें अपने प्रोडक्ट्स की उच्च मांग का पता चला।

असम से आई लखपति दीदी और स्टॉल ओनर मोनीला ने अपने हैंडलूम प्रोडक्ट्स के बारे में बात की और कहा कि यह अवसर न केवल उन्हें, बल्कि उनकी पूरी टीम को लाभ पहुंचाएगा। ऐसे आयोजनों से हमें अपने हुनर को राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का मौका मिलता है।

मेले में आई बबीता भंडारी ने कहा कि सरस पवेलियन में सब कुछ बहुत व्यवस्थित है। उन्होंने कहा कि यहां हर चीज को एक संगठित तरीके से प्रस्तुत किया गया है। दीदियों का उत्साह देखकर उन्हें बहुत अच्छा लगा।

Point of View

बल्कि यह समाज में उनकी भूमिका को भी उजागर करता है। महिलाओं का सशक्तिकरण न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

सरस पवेलियन में कौन-कौन सी दीदियां भाग ले रही हैं?
सरस पवेलियन में 300 लखपति दीदियां विभिन्न राज्यों से आई हैं, जो अपने अद्वितीय प्रोडक्ट्स का प्रदर्शन कर रही हैं।
क्या यह मेला महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में मदद करता है?
हां, यह मेला महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है क्योंकि यहां महिलाएं अपने हुनर को प्रदर्शित कर रही हैं।
क्या इस मेले में अन्य राज्यों के उत्पाद भी हैं?
जी हां, इस मेले में भारत के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उत्पाद शामिल हैं।
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