क्या विजय कुमार मल्होत्रा मेरे राजनीतिक गुरु थे? उनका जाना एक युग का अंत : वीरेंद्र सचदेवा

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क्या विजय कुमार मल्होत्रा मेरे राजनीतिक गुरु थे? उनका जाना एक युग का अंत : वीरेंद्र सचदेवा

सारांश

नई दिल्ली में भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा का 30 सितंबर को निधन हो गया। उनकी प्रार्थना सभा में वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें राजनीतिक गुरु बताया और उनके योगदानों को सराहा। यह घटना न केवल भाजपा के लिए, बल्कि देश की राजनीति के लिए भी एक बड़ा नुकसान है।

Key Takeaways

  • राजनीतिक गुरु: विजय कुमार मल्होत्रा ने भाजपा के लिए अनमोल योगदान दिया।
  • अनुशासित जीवन: उन्होंने एक अनुशासित जीवन जीया और राजनीति में उच्च आदर्श स्थापित किए।
  • संघ के स्वयंसेवक: वे संघ के समर्पित स्वयंसेवक थे।

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में भाजपा के सम्मानित नेता प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा का 30 सितंबर को 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इस अवसर पर शुक्रवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविक सेंटर में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जहां दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा सहित अनेक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सचदेवा ने विजय कुमार मल्होत्रा को अपना राजनीतिक गुरु बताया और उनके जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा के प्रति योगदानों की सराहना की।

वीरेंद्र सचदेवा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हमारे सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक विजय कुमार मल्होत्रा रहे हैं। एक स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक होने के नाते और एक राजनेता के नाते उन्होंने अत्यधिक कीर्ति स्थापित की है। उन्होंने जनसंघ से लेकर भाजपा तक सेवा की है और एक अनुशासित जीवन जिया।"

सचदेवा ने मल्होत्रा के निधन को दिल्ली प्रदेश के लिए एक बड़ी क्षति बताया और कहा, "वे दिल्ली जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा के पहले अध्यक्ष रहे। उनके जाने से एक युग का अंत हुआ है।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने व्यक्तिगत यादें साझा करते हुए कहा, "मेरा विजय कुमार मल्होत्रा से संबंध तब का है जब मैं यूनिवर्सिटी में प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ रहा था। वे दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष थे। भारतीय जनसंघ और फिर भाजपा को खड़ा करने में उनका योगदान बहुत बड़ा था। मेरे पास उनके साथ कई खट्टी-मीठी यादें हैं। इमरजेंसी में जेल में उनका पत्र मिला था। उनका स्वभाव बहुत नम्र था और वे विरोधियों व समर्थकों सभी से मिलते थे।"

गोयल ने मल्होत्रा के प्रोफेसर होने, खेलों के प्रति प्रेम और सामान्य कार्यकर्ताओं के प्रति स्नेह की सराहना की और कहा, "वे ऐसे नेता थे, जैसे नेता मिलना मुश्किल है।"

ज्ञात हो कि विजय कुमार मल्होत्रा का एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान सुबह लगभग 6 बजे निधन हो गया। मल्होत्रा जनसंघ से लेकर भाजपा तक की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संघ के स्वयंसेवक थे। उन्होंने पांच बार सांसद और दो बार विधायक के रूप में कार्य किया और 1999 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दक्षिण दिल्ली से हराया था।

Point of View

विजय कुमार मल्होत्रा का योगदान भारतीय राजनीति में अविस्मरणीय है। उनका निधन एक युग का अंत है। उन जैसे नेताओं की कमी को भरना कठिन होगा। हमें उनके विचारों और कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए और भारतीय राजनीति को मजबूत बनाना चाहिए।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म कब हुआ था?
उनका जन्म 1929 में हुआ था।
मल्होत्रा ने कौन-कौन सी राजनीतिक पार्टियों में कार्य किया?
उन्होंने जनसंघ, जनता पार्टी और भाजपा में कार्य किया।
उनका सबसे बड़ा राजनीतिक योगदान क्या था?
विजय कुमार मल्होत्रा का सबसे बड़ा योगदान भाजपा को मजबूत करना रहा।