क्या अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में श्रवण गुप्ता का आचरण अनुचित है?

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क्या अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में श्रवण गुप्ता का आचरण अनुचित है?

सारांश

दिल्ली हाई कोर्ट में श्रवण गुप्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने उनके आचरण को अनुचित बताया। जानिए क्या है पूरा मामला और इसके पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला में श्रवण गुप्ता की भूमिका महत्वपूर्ण है।
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके आचरण को अनुचित बताया।
  • गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति की कोशिश की।
  • ईडी ने उनके खिलाफ कई समन और वारंट जारी किए हैं।
  • मामला अब न्यायालय में निर्णय के लिए सुरक्षित है।

नई दिल्ली, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में बिचौलिए होने के आरोपित श्रवण गुप्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपने खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) को रद्द करने के लिए याचिका प्रस्तुत की।

गुप्ता की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने अदालत में अपनी दलील रखते हुए कहा कि उनका मुवक्किल शारीरिक रूप से जांच में शामिल नहीं हो सकते, लेकिन वे ऑनलाइन उपस्थित होने के लिए उपलब्ध हैं।

उन्होंने बताया कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति की अनुमति के लिए एक नया आवेदन दायर किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश नीना बंसल ने कहा कि इस मामले पर पहले भी दोनों पक्षों के बीच दो बार बहस हो चुकी है और हर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता पाहवा ने गुप्ता से जांच में शामिल होने के लिए भारत लौटने के संबंध में निर्देश प्राप्त करने के लिए समय मांगा।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऐसा आचरण एक वरिष्ठ वकील के लिए उचित नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील इस मामले में बार-बार स्थगन मांग रहे हैं, जो विशेष रूप से वरिष्ठ अधिवक्ताओं से अपेक्षित नहीं है। न्यायालय ने मामले को स्थगित करने के पाहवा के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए इसे निर्णय के लिए सुरक्षित रख लिया।

ज्ञात हो कि श्रवण गुप्ता 2005 से 2016 तक मेसर्स एमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और कार्यकारी उपाध्यक्ष रहे। इस दौरान उनका संपर्क गौतम खेतान से हुआ, जिन्होंने उन्हें गुइडो हैश्के से मिलवाया, जो दोनों अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले के आरोपित हैं।

श्रवण गुप्ता ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वत के रूप में गौतम खेतान और गुइडो हैश्के द्वारा अर्जित आपराधिक आय को सफेद करने हेतु एक विदेशी कॉर्पोरेट संरचना बनाई। गुप्ता के स्वामित्व वाली अपतटीय संस्थाओं को इस घोटाले में 1,912,000 यूरो और 3,457,180 अमेरिकी डॉलर (28,69,94,650 रुपए) की आपराधिक आय प्राप्त हुई।

ईडी के अनुसार, श्रवण गुप्ता 2019 में चिकित्सा समस्याओं का बहाना बनाकर जांच में शामिल होने के लिए कहे जाने पर देश छोड़कर चले गए थे और तब से कई समन एवं वारंट के बावजूद लंदन में हैं।

विशेष न्यायालय द्वारा 31 अगस्त 2020 को उनके खिलाफ ओपन एंडेड एनबीडब्ल्यू जारी किया गया था। 28 अगस्त 2023 को उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) भी जारी किया गया।

श्रवण गुप्ता को 10 फरवरी 2022 के पूरक पीसी में आरोपी बनाया गया था और एलडी. विशेष न्यायालय (पीएमएलए) ने 15 मार्च 2022 के अपने आदेश के माध्यम से इसका संज्ञान लिया।

प्रवर्तन निदेशालय ने दो अलग-अलग अनंतिम कुर्की आदेशों के माध्यम से 21 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। अपराध की आय के अंतिम उपयोग की आगे की जांच जारी है।

Point of View

एक वरिष्ठ वकील के तौर पर श्रवण गुप्ता का आचरण न्यायालय के प्रति अपेक्षाओं का उल्लंघन करता है। न्यायालय का निर्णय इस बात का संकेत है कि कानून सभी के लिए समान है, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला क्या है?
यह एक वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की खरीद में रिश्वतखोरी का मामला है, जिसमें कई प्रमुख हस्तियां शामिल हैं।
श्रवण गुप्ता की भूमिका क्या है?
श्रवण गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने इस घोटाले में बिचौलिए का काम किया और आपराधिक आय को सफेद करने के लिए विदेशी संस्थाओं का इस्तेमाल किया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने श्रवण गुप्ता के आचरण को अनुचित बताते हुए उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया।
रेड कॉर्नर नोटिस का क्या मतलब है?
यह एक अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट है, जिसे किसी आरोपी के खिलाफ जारी किया जाता है जो देश से भाग गया हो।
इस मामले में आगे क्या होगा?
न्यायालय ने मामले को निर्णय के लिए सुरक्षित रखा है और आगे की सुनवाई का इंतजार है।