क्या अजय महावर की अध्यक्षता में लोक लेखा समिति की बैठक ने अहम मुद्दों पर चर्चा की?

सारांश
Key Takeaways
- पीएसी की बैठक में पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दिया गया।
- आबकारी नीति और कैग की रिपोर्ट का गहन विश्लेषण किया गया।
- अधिकारियों को पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।
नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) की एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को समिति के अध्यक्ष अजय महावर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में पिछली आबकारी नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट और उस पर प्रस्तुत कार्रवाई रिपोर्ट की समीक्षा की गई। यह बैठक लगभग दो घंटे तक चली, जिसमें समिति ने तीन प्रमुख एजेंडे पर गहन चर्चा की।
बैठक में पीएसी अध्यक्ष अजय महावर के साथ समिति के सदस्य अरविंद सिंह लवली, आतिशी, सतीश उपाध्याय, शिखा राय, वीरेंद्र कादयान और कुलदीप कुमार उपस्थित रहे।
वरिष्ठ अधिकारियों में महालेखाकार (ऑडिट), आबकारी आयुक्त, अपर मुख्य सचिव (वित्त) और दिल्ली विधानसभा सचिव भी बैठक में मौजूद थे।
पहले एजेंडे में ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (एपीएमएस) के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि यह प्रणाली 23 जून 2025 से लागू की गई है और परीक्षण के बाद इसे पूर्णतः सक्रिय किया जाएगा।
दूसरे एजेंडे में वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के विनियोग और व्यय खातों पर कैग की टिप्पणियों पर चर्चा की गई। समिति ने उन विभागों से स्पष्टीकरण मांगा, जिन्होंने बजट का बड़ा हिस्सा खर्च नहीं किया।
तीसरे एजेंडे में 2024 की रिपोर्ट संख्या 1 की समीक्षा की गई, जिसमें दिल्ली की शराब आपूर्ति पर निष्पादन लेखा परीक्षा शामिल थी। इस दौरान पीएसी अध्यक्ष अजय महावर ने आबकारी आयुक्त से पूछा कि जब नीति लागू होने के छह महीने बाद कैबिनेट ने मंजूरी दी, तो पहले ही लाइसेंसधारकों को छूट किस आधार पर दी गई?
बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों द्वारा चर्चा को भटकाने की कोशिश भी की गई, जिससे कार्यवाही कुछ समय के लिए बाधित हुई।
अध्यक्ष महावर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगली बार वे समस्त दस्तावेज, फाइलें और तथ्यों के साथ पूर्ण तैयारी के साथ उपस्थित हों।
उम्मीद की जा रही है कि पीएसी आने वाले हफ्तों में कैग रिपोर्ट और एटीएन पर विस्तृत समीक्षा के लिए और बैठकें करेगी।