क्या निजी स्कूलों की फीस वृद्धि का बिल छात्रों और अभिभावकों के हितों की अनदेखी कर रहा है?

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क्या निजी स्कूलों की फीस वृद्धि का बिल छात्रों और अभिभावकों के हितों की अनदेखी कर रहा है?

सारांश

दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र से पहले, आम आदमी पार्टी ने निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर भाजपा पर तीखा हमला किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित बिल छात्रों और अभिभावकों के हितों की अनदेखी कर रहा है। क्या यह बिल वास्तव में स्कूल मालिकों को ही लाभ पहुंचाएगा?

Key Takeaways

  • दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर विवाद बढ़ गया है।
  • आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि यह बिल स्कूल मालिकों के हित में है।
  • आतिशी ने कहा कि बिल में कोई भी रोक नहीं है।
  • पार्टी ने सड़क से लेकर कोर्ट तक विरोध करने की योजना बनाई है।
  • दिल्ली में शिक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत से पहले ही निजी स्कूलों की फीस वृद्धि को लेकर राजनीतिक विवाद तेज हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार एक ऐसा बिल लाने जा रही है, जो पूरी तरह से निजी स्कूल मालिकों के हितों की रक्षा करता है, न कि छात्रों और अभिभावकों की।

आतिशी ने कहा कि यह बिल पहले अप्रैल में पारित किए जाने की बात थी, फिर मई में इसे अध्यादेश के माध्यम से लाने की योजना बनी, और अब कहा जा रहा है कि इसे मानसून सत्र में पेश किया जाएगा। लेकिन वास्तविकता यह है कि पिछले चार महीनों में इस बिल को जानबूझकर विधानसभा में पेश नहीं किया गया है ताकि स्कूल प्रबंधनों को मनमानी फीस वसूलने की अनुमति मिलती रहे।

उन्होंने कहा, "इस बिल में कहीं भी यह नहीं लिखा गया है कि 2024-25 में जो फीस बढ़ाई गई है, उस पर कोई रोक लगेगी। न ही इस बिल में फीस का ऑडिट कराने का कोई प्रावधान है। यहां तक कि फीस बढ़ाने की समिति की अध्यक्षता भी स्कूल का प्रबंधन ही करेगा। यानी स्कूल जैसा कहेगा, वैसा ही माना जाएगा। यह बिल स्पष्ट रूप से स्कूल मालिकों की रक्षा के लिए लाया गया है।"

आम आदमी पार्टी ने इस बिल को लेकर दो प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनके अनुसार इसे विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए ताकि उस पर विस्तार से चर्चा हो सके। जब तक यह बिल अंतिम रूप से पारित नहीं हो जाता, तब तक सभी निजी स्कूलों को 2024-25 की मौजूदा फीस संरचना पर ही बनाए रखने का आदेश दिया जाए।

आतिशी ने कहा, "हम इस बिल का सड़क से लेकर कोर्ट तक विरोध करेंगे। यह बिल न छात्रों के हित में है, न अभिभावकों के।" इस मुद्दे पर आप विधायक संजीव झा ने भी दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह बिल निजी स्कूलों द्वारा फीस में की गई बेतहाशा वृद्धि को कानूनी मान्यता देने की साजिश है।

उन्होंने कहा, "भाजपा की सरकार बनते ही स्कूलों ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ा दी और अब सरकार इस फैसले को वैध बनाने में जुटी है।" वहीं तमिलनाडु की एक महिला सांसद से चेन स्नेचिंग के मामले में आतिशी ने कहा, "दिल्ली के वीआईपी इलाके, एनडीएमसी क्षेत्र, जहां दिल्ली पुलिस, उपराज्यपाल और केंद्र सरकार का नियंत्रण है, वहां एक सांसद तक सुरक्षित नहीं है। तो आम जनता की सुरक्षा का क्या हाल होगा?"

उन्होंने कहा, "पहले लोग कहते थे कि केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव होता है। अब जनता देख रही है कि जितने ज़्यादा 'इंजन' होंगे, उतनी ही ज्यादा दिल्ली की दुर्दशा होगी।"

Point of View

ताकि शिक्षा प्रणाली में सुधार हो सके।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

निजी स्कूलों की फीस वृद्धि पर आम आदमी पार्टी का क्या कहना है?
आम आदमी पार्टी का कहना है कि प्रस्तावित बिल पूरी तरह से स्कूल मालिकों के हितों की रक्षा करता है और छात्रों तथा अभिभावकों के हितों की अनदेखी करता है।
क्या यह बिल विधानसभा में पारित होगा?
यह बिल अभी विधानसभा में पेश नहीं किया गया है और इसकी पारित होने की संभावना पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी की मांगें क्या हैं?
आम आदमी पार्टी की मांग है कि इस बिल को विधानसभा की सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए और सभी निजी स्कूलों को 2024-25 की मौजूदा फीस संरचना पर बने रहने का आदेश दिया जाए।