क्या ठंड के साथ दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है? एक्यूआई को लेकर मौसम विभाग की चेतावनी

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली का एक्यूआई 201 है, जो खराब श्रेणी में आता है।
- ठंड के मौसम में प्रदूषण और अधिक बढ़ने की संभावना है।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हमें सावधानी बरतनी चाहिए।
- धुंध और वायु गुणवत्ता पर ध्यान देना आवश्यक है।
- बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही ठंड का मौसम दिल्ली में दस्तक दे रहा है, राजधानी की वायु गुणवत्ता तेजी से deteriorate होती जा रही है। इसके परिणामस्वरूप लोगों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी चिंतित हैं।
दिल्ली की हवा की खराब स्थिति को आंकड़ों से स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। मंगलवार सुबह के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 201 रहा, जो खराब श्रेणी में आता है।
दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में एक्यूआई 200 से 300 के बीच था, जिसका अर्थ है कि वायु गुणवत्ता और अधिक खराब हो गई है। इस कारण शहर के कई हिस्सों में धुंध छा गई है, जिससे दृश्यता कम हो गई है। इंडिया गेट जैसे प्रमुख स्थलों पर भी प्रदूषण का असर देखने को मिल रहा है, जहां धुंध के कारण दृष्टि बाधित हो रही है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, यह प्रवृत्ति जारी रहने की संभावना है। सोमवार को दिल्ली का एक्यूआई 189 था, जो मध्यम श्रेणी में आता है। इससे पहले रविवार को एक्यूआई 167 था। लेकिन केंद्र सरकार के एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के अनुसार, आने वाले दिनों में दिल्ली की हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में चली जाएगी। ऐसा होने पर, यह पहली बार होगा कि जून के बाद दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर इतना गिर जाएगा।
ज्ञात हो कि 11 जून को दिल्ली का एक्यूआई 245 तक पहुंच गया था, जो वर्तमान स्थिति के करीब है।
दिल्ली में 14 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी रहेगी। आने वाले दिनों में मौसम की स्थिति और प्रदूषण के स्रोतों के आधार पर इसके 'बहुत खराब' श्रेणी में जाने की संभावना है।
दिल्ली में सर्दियों में धुंध और प्रदूषण के बढ़ने की एक वजह यह भी है कि ठंडक के कारण हवा भारी हो जाती है और प्रदूषक कण जमीन के पास ही फंसे रहते हैं।
एक्यूआई का अर्थ है कि हवा में प्रदूषण का स्तर क्या है और यह हमारे स्वास्थ्य पर कितना प्रभाव डाल सकता है।
भारत सरकार के मानकों के अनुसार, जब एक्यूआई 0 से 50 के बीच होता है तो हवा अच्छी मानी जाती है। 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक' श्रेणी होती है, 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी का प्रदूषण होता है।
पर्यावरण विशेषज्ञ लगातार लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे प्रदूषण से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाएं। जब बाहर जाएं तो मास्क पहनें, खासकर तब जब हवा की गुणवत्ता खराब हो। कोशिश करें कि सुबह और शाम के उन समय पर बाहर निकलने से बचें जब प्रदूषण अपने चरम पर होता है। बुजुर्ग, बच्चे और जो लोग सांस की बीमारियों से ग्रसित हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।