क्या रेखा गुप्ता सरकार का यह बड़ा फैसला दिल्ली पीडब्ल्यूडी के लिए बदलाव लाएगा?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पीडब्ल्यूडी ने स्वतंत्र इंजीनियरिंग कैडर बनाने का निर्णय लिया।
- यह सीपीडब्ल्यूडी पर निर्भरता समाप्त करेगा।
- स्थायी तकनीकी स्टाफ से कार्यक्षमता में सुधार होगा।
- निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी।
- दिल्ली की बुनियादी ढांचे की परियोजनाएँ अधिक कुशलता से संचालित होंगी।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने अपने बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसमें स्वतंत्र इंजीनियरिंग कैडर की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया है। यह कदम विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है, जिससे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) पर निर्भरता समाप्त होगी।
अब तक, ज्यादातर अभियंता सीपीडब्ल्यूडी या अन्य केंद्रीय एजेंसियों से प्रतिनियुक्ति पर आते थे। स्वतंत्र इंजीनियरिंग कैडर के गठन के बाद, दिल्ली को स्थायी और जवाबदेह तकनीकी स्टाफ मिलेगा, जो दिल्ली सरकार के अंतर्गत कार्य करेगा।
दिल्ली के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि यह कदम दिल्ली के लिए टर्निंग पॉइंट है। जब अभियंता केवल दिल्ली के लोगों के प्रति जवाबदेह होंगे, तो उनकी कार्यशैली में सुधार होगा। हम स्वच्छ और सशक्त दिल्ली का निर्माण कर रहे हैं और इसके लिए हमें अपनी टीम की आवश्यकता है।
स्वतंत्र इंजीनियरिंग कैडर का प्रस्ताव जल्द ही दिल्ली कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। जैसे ही मंजूरी मिलेगी, विभाग भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। इसके तहत सभी स्तरों पर अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो केवल दिल्ली पीडब्ल्यूडी के अधीन होंगे।
जो सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारी वर्तमान में पीडब्ल्यूडी दिल्ली में कार्यरत हैं, उन्हें अपने मूल कैडर में लौटने या नए कैडर में स्थायी रूप से शामिल होने का विकल्प दिया जाएगा। यह बदलाव विभाग की कार्यक्षमता और जवाबदेही में सुधार करेगा।
इस सुधार से सीपीडब्ल्यूडी पर निर्भरता समाप्त होगी, और निर्णय लेने की प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। इंजीनियर परियोजनाओं के हर चरण में शामिल रहेंगे। दिल्ली सरकार के पास एक स्पष्ट जवाबदेही तंत्र होगा।
दिल्ली के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट जैसे सड़कें, फ्लाईओवर, और सरकारी भवन सीपीडब्ल्यूडी के अभियंताओं द्वारा संचालित होते रहे हैं। नए कैडर के गठन से इन बाधाओं को दूर किया जाएगा और परियोजनाओं का क्रियान्वयन अधिक सुचारू होगा।
यह कैडर निर्माण केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह दिल्ली पीडब्ल्यूडी के आधुनिकीकरण की योजना का हिस्सा है। पिछले वर्ष में विभाग ने कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। अब, अपने कैडर के साथ, ये जिम्मेदारियां और अधिक कुशलता से निभाई जाएंगी।
दिल्ली पीडब्ल्यूडी अब एमसीडी, एनडीएमसी और डीडीए जैसे आधुनिक संस्थानों की श्रेणी में शामिल होने की दिशा में अग्रसर है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक परिवर्तन है, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश है कि दिल्ली विश्वस्तरीय अधोसंरचना और जवाबदेही देने के लिए तैयार है।