क्या जम्मू-कश्मीर में होने वाली घटनाओं की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है? : सपा प्रवक्ता धर्मेंद्र सिंह

सारांश
Key Takeaways
- जम्मू-कश्मीर में घटनाओं की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है।
- फिलिस्तीनी समर्थन में झंडा उठाना सही है।
- बिहार के अपमान पर चिंता जताई गई।
- महंगाई और आर्थिक बोझ पर सवाल उठाए गए।
- केंद्र सरकार को जवाबदेही निभानी चाहिए।
लखनऊ, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता धर्मेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में हुए हालिया बवाल को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ भी हुआ है, उसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से केंद्र सरकार की बनती है।
धर्मेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर की पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन है। ऐसे में, यदि जम्मू-कश्मीर में कुछ भी होता है, तो इसकी जवाबदेही केंद्र सरकार पर ही है। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की।
सुल्तानपुर में युवाओं द्वारा फिलिस्तीनी झंडा फहराने पर धर्मेंद्र ने टिप्पणी की कि फिलिस्तीन में वर्तमान में मानवता का हनन हो रहा है। मासूम बच्चों पर अत्याचार किया जा रहा है। ऐसे में, यदि कुछ युवकों ने फिलिस्तीन के समर्थन में झंडा उठाया है, तो यह गलत नहीं है। इन युवाओं ने कुछ भी अनुचित नहीं किया।
धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि वर्तमान में फिलिस्तीन का समर्थन करना गलत नहीं है। यह तो हमारे सिद्धांत का हिस्सा है, जिसे आत्मसात करना चाहिए।
उन्होंने बिहार के अपमान को लेकर भी अपनी बात रखी। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि लोग बेवजह बिहार के अपमान की चर्चा कर रहे हैं। बिहार की वर्तमान स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यहाँ के लोग रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में जाने को मजबूर हैं।
प्रदेश सरकार अपने नागरिकों को रोजगार नहीं दे पा रही है। स्थिति तब और भी खराब हो जाती है जब अन्य राज्यों में बिहार के लोगों का अपमान होता है। यह दुखद है कि बिहार के लोग जीविका के लिए दूसरे राज्यों की शरण ले रहे हैं। असली अपमान तो यही है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी जिक्र किया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर क्यों ट्रंप के इशारे पर यहाँ टैरिफ बढ़ाया जा रहा है। इससे लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है और महंगाई से उनकी स्थिति खराब हो रही है। यह दुखद है कि केंद्र सरकार की ओर से इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया है।