क्या दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गैंगरेप केस में फरार अपराधी को गिरफ्तार किया?

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क्या दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गैंगरेप केस में फरार अपराधी को गिरफ्तार किया?

सारांश

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बार फिर से अपनी प्रभावशीलता साबित की है। गैंगरेप के मामले में फरार अपराधी भरत को गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी न केवल कानून की जीत है, बल्कि समाज में सुरक्षा का एक सकारात्मक संकेत भी है। जानिए इस मामले की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • दिल्ली क्राइम ब्रांच ने एक फरार अपराधी को गिरफ्तार किया।
  • आरोपी गैंगरेप के मामले में प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर था।
  • गिरफ्तारी पुलिस की मेहनत का परिणाम है।
  • आरोपी के खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं।
  • यह एक सकारात्मक संकेत है कि कानून का राज कायम है।

नई दिल्ली, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (डब्ल्यूआर-2) ने संगीन अपराधों में फरार अपराधियों पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। टीम ने तिमारपुर निवासी भरत को गिरफ्तार किया है, जो गैंगरेप के मामले में प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर (पीओ) घोषित था।

आरोपी के खिलाफ वर्ष 2017 में थाना सुल्तानपुरी में एफआईआर संख्या 471/2017 दर्ज की गई थी, जिसमें धारा 323/376D/506 आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे।

डब्ल्यूआर-2 क्राइम ब्रांच की टीम लंबे समय से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में फरार और गंभीर मामलों में लिप्त अपराधियों की तलाश कर रही थी। हेड कांस्टेबल अजय को एक पुख्ता सूचना मिली कि फरार अपराधी भारत अपने साथियों से मिलने राजपुरा रोड, एपीएल गेट के पास आने वाला है। सूचना के आधार पर इंस्पेक्टर सतीश मलिक के नेतृत्व में एसीपी राजपाल दबस की निगरानी में एक टीम बनाई गई। इस टीम में हेड कांस्टेबल अजय, संदीप और संदीप कादयान शामिल थे। मौके पर जाल बिछाया गया और आरोपी को घेरकर पकड़ा गया।

पूछताछ के दौरान आरोपी भरत ने बताया कि वह तिमारपुर का निवासी है। 2017 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और शारीरिक हमला भी किया। मामले के दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई।

सुनवाई के दौरान सजा के भय से आरोपी अदालत में पेश नहीं हुआ और फरार हो गया। इसके बाद 2023 में अदालत ने उसे प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित कर दिया।

सूत्रों के अनुसार, आरोपी भरत के खिलाफ 4 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

इससे पहले, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की ईआर-2 टीम ने 9 सितंबर को डेबिट कार्ड स्वैपिंग फ्रॉड में लिप्त एक फरार अपराधी को गिरफ्तार किया था। आरोपी की पहचान कादिर उर्फ कादिर पुत्र नूर मोहम्मद के रूप में हुई थी, जो गाजियाबाद का निवासी है। आरोपी 2017 से फरार था और 10 अप्रैल 2019 को अदालत द्वारा प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया गया था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि कानून का राज बनाए रखना आवश्यक है। दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक अपराधी को न्याय के दायरे में लाने का कार्य है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण संकेत भी है। हमें इस तरह की कार्रवाइयों को समर्थन देना चाहिए ताकि अन्य अपराधियों में भय पैदा हो सके।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या भरत के खिलाफ पहले से भी मामले दर्ज थे?
जी हां, भरत के खिलाफ 4 आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं।
इस गिरफ्तारी से क्या संदेश मिलता है?
यह गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि कानून का राज कायम है और अपराधियों को सजा मिलेगी।
गैंगरेप के मामले में क्या कार्रवाई की गई थी?
गैंगरेप के मामले में भरत और उसके साथियों पर धारा 376D के तहत मामला दर्ज किया गया था।
क्या भरत को पहले गिरफ्तार किया गया था?
हाँ, भरत को पहले गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में उसे जमानत मिल गई थी।
क्या अब भरत को सजा मिलेगी?
यह अब अदालत पर निर्भर करेगा, लेकिन भरत को प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर घोषित किया गया है।