क्या उत्तर प्रदेश में फर्जी डिग्री रैकेट का पर्दाफाश हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने फर्जी डिग्री रैकेट पर कार्रवाई की।
- मुख्य आरोपी जेल में है।
- जांच में 16 ठिकाने शामिल हैं।
- बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियाँ जारी की गईं।
- छात्रों के भविष्य को खतरा है।
लखनऊ, 6 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की लखनऊ जोन टीम ने उत्तर प्रदेश के हापुड़ में स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़े फर्जी डिग्री रैकेट मामले में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
ईडी ने इस मामले में कुल 16 ठिकानों पर छापेमारी की है, जिसमें यूनिवर्सिटी का मुख्य परिसर और उन्नाव स्थित सरस्वती मेडिकल कॉलेज भी शामिल है।
यह मामला लंबे समय से जांच एजेंसियों की निगरानी में था, क्योंकि इस रैकेट के चलते हजारों छात्रों के भविष्य को खतरा हो सकता है।
इस मामले का मुख्य आरोपी विजेंद्र सिंह उर्फ हुड्डा वर्तमान में जेल में है। वह एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति है और 2024 के लोकसभा चुनाव में बिजनौर से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जहाँ उसे 2.18 लाख वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहा था।
जांच एजेंसियों के अनुसार, विजेंद्र सिंह और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने मोनाड यूनिवर्सिटी के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जी डिग्रियों का कारोबार किया, जिसमें कई राज्यों के छात्र शामिल हो सकते हैं।
ईडी की वर्तमान कार्रवाई में जिन 16 ठिकानों को कवर किया गया है, उनमें मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़ का मुख्य परिसर, सरस्वती मेडिकल कॉलेज (उन्नाव) और मुख्य आरोपी के अलावा अन्य संबंधित व्यक्तियों के कई आवासीय और व्यावसायिक पते शामिल हैं।
इनमें से अधिकतर आरोपी पहले ही पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं और कई पर चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। ईडी अब इस पूरे नेटवर्क की मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग की दिशा में जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, कार्रवाई के दौरान जांच टीमें यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड, एडमिशन से जुड़े दस्तावेज, फीस से संबंधित लेनदेन, डिजिटल डाटा और अन्य महत्वपूर्ण कागज़ों की जांच कर रही हैं।
इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए गहन जांच की जा रही है।