क्या ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे?

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क्या ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में अनिल अंबानी से जुड़ी संस्थाओं पर छापे मारे?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल अंबानी के रिलायंस समूह से जुड़े 35 परिसरों पर छापे मारे हैं, जिसमें 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी का मामला शामिल है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच का हिस्सा है। विवरण जानने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • ईडी की कार्रवाई अनिल अंबानी के रिलायंस समूह पर केंद्रित है।
  • 3,000 करोड़ रुपए का लोन धोखाधड़ी का मामला है।
  • जांच में सीबीआई और अन्य एजेंसियाँ शामिल हैं।
  • मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है।
  • लोन से जुड़े नियमों के उल्लंघन का पता चला है।

नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह से जुड़ी 35 से अधिक परिसरों, 50 कंपनियों और 25 से ज्यादा लोगों के विभिन्न ठिकानों पर छापे मारे हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद, ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के अंतर्गत अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध की जांच शुरू की।

सूत्रों के अनुसार, इस मामले में नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (एनएफआरए), बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थाओं ने भी ईडी के साथ जानकारी साझा की है।

ईडी की प्रारंभिक जांच में बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों के साथ धोखाधड़ी करके जनता के पैसों को इधर-उधर करने की एक सुनियोजित योजना का खुलासा हुआ है। साथ ही, यस बैंक लिमिटेड के प्रमोटर सहित बैंक अधिकारियों को रिश्वत देने का अपराध भी जांच के दायरे में है।

प्रारंभिक जांच में यस बैंक से (2017 से 2019 तक) लगभग 3,000 करोड़ रुपए के अवैध लोन डायवर्जन का पता चला है। ईडी ने पाया है कि लोन स्वीकृत होने से ठीक पहले, यस बैंक के प्रमोटरों को पैसा दिया गया था। एजेंसी रिश्वतखोरी और लोन के इस गठजोड़ की भी जांच कर रही है।

नियामक ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों को यस बैंक द्वारा दिए गए लोन में कई नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया है, जैसे कि क्रेडिट अप्रूवल मैमोरेंडम (सीएएम) पिछली तारीख के थे, बैंक की लोन नीति का उल्लंघन करते हुए बिना किसी उचित जांच के निवेश प्रस्तावित किए गए थे।

लोन शर्तों का उल्लंघन करते हुए, इन लोन को आगे कई समूह कंपनियों और मुखौटा कंपनियों में डायवर्ट किया गया।

जानकारी के अनुसार, सेबी ने आरएचएफएल मामले में अपने निष्कर्ष ईडी के साथ साझा किए हैं। आरएचएफएल द्वारा कॉर्पोरेट लोन में नाटकीय वृद्धि भी ईडी की जांच के घेरे में है। आरएचएफएल के कॉर्पोरेट लोन वित्त वर्ष 2017-18 में 3,742.60 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2018-19 में 8,670.80 करोड़ रुपए हो गए थे।

सूत्रों के अनुसार, जांच फिलहाल चल रही है। ईडी यस बैंक के अधिकारियों, समूह की कंपनियों और अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं के बीच संबंधों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।

Point of View

NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने किस मामले में छापे मारे?
ईडी ने 3,000 करोड़ रुपए के यस बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में छापे मारे हैं।
अनिल अंबानी से जुड़े कितने परिसरों पर छापे मारे गए?
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह से संबंधित 35 से ज्यादा परिसरों पर छापे मारे गए।
जांच का उद्देश्य क्या है?
जांच का उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों की पहचान और उनकी रोकथाम करना है।
इस मामले में कौन-कौन सी एजेंसियाँ शामिल हैं?
इस मामले में सीबीआई, सेबी, और अन्य वित्तीय संस्थाएँ शामिल हैं।
क्या ईडी ने कोई निष्कर्ष साझा किया है?
ईडी ने अभी तक जांच के प्रारंभिक निष्कर्ष साझा नहीं किए हैं।