क्या एक नाम से छह जिलों में एक्स-रे टेक्नीशियन का बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है?

सारांश
Key Takeaways
- एक ही नाम से छह भिन्न जिलों में नियुक्ति का मामला।
- कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी हासिल की गई।
- स्वास्थ्य विभाग को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई।
- एफआईआर दर्ज कर उचित कार्रवाई की मांग।
- निदेशक पैरामेडिकल की ओर से सख्त कदम।
लखनऊ, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में एक गंभीर मामला सामने आया है। आरटीआई के माध्यम से खुलासा हुआ है कि एक ही नाम और पिता के नाम से छह भिन्न जिलों में एक्स-रे टेक्नीशियन के रूप में नियुक्ति लेकर वर्षों से वेतन लिया जा रहा था। यह घटना विभाग में हड़कंप मचा चुकी है। निदेशक पैरामेडिकल डॉ. रंजना खरे ने आरोपियों के खिलाफ वजीरगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी प्राप्त की गई और विभाग को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई। डॉ. रंजना खरे ने एफआईआर में लिखा है कि स्वास्थ्य विभाग में एक्स-रे टेक्नीशियन भर्ती-2016 के दौरान, उप्र के अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 403 एक्स-रे टेक्नीशियन अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया था।
इस सूची में क्रमांक संख्या 80 पर अर्पित सिंह, पुत्र अनिल कुमार सिंह के नाम पर छह व्यक्तियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर विभिन्न जनपदों में नियुक्ति प्राप्त की है। इनमें पहला व्यक्ति बलरामपुर में, दूसरा फर्रुखाबाद में, तीसरा रामपुर में, चौथा बांदा में, पांचवां अमरोहा में और छठा शामली में है।
एफआईआर में कहा गया है कि उपरोक्त व्यक्तियों ने फर्जी एवं कूटरचित प्रपत्रों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त कर और 2016 से स्वास्थ्य विभाग से वेतन लेकर विभाग को आर्थिक क्षति पहुँचाई है। इसलिए इस मामले में एफआईआर दर्ज कर उचित कार्यवाही की जाए।