क्या आईटी क्षेत्र में तमिलों का वैश्विक योगदान, हमारे खून में इंजीनियरिंग है?

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क्या आईटी क्षेत्र में तमिलों का वैश्विक योगदान, हमारे खून में इंजीनियरिंग है?

सारांश

तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पलानीवेल त्यागराजन ने बताया कि इंजीनियरिंग तमिलों के खून में है। इस सम्मेलन में उन्होंने तमिल इंजीनियरिंग की ऐतिहासिकता और वर्तमान योगदान पर प्रकाश डाला। जानें कैसे तमिलनाडु ने आईटी क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

Key Takeaways

  • इंजीनियरिंग तमिलों के खून में है।
  • तमिलनाडु ने शिक्षा में महत्वपूर्ण पहल की है।
  • आईटी क्षेत्र में तमिलों का योगदान बढ़ रहा है।
  • 54% छात्र उच्च शिक्षा में रुचि रखते हैं।
  • तमिल इंजीनियरों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि।

चेन्नई, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय तमिल इंजीनियरिंग फोरम के पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पलानीवेल त्यागराजन और परिवहन मंत्री शिवशंकर ने चेन्नई के नंदंबक्कम स्थित व्यापार केंद्र में किया।

इसरो के पूर्व अध्यक्ष मायलस्वामी अन्नादुरई, वैज्ञानिक ए. शिवथानुप पिल्लई और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।

कार्यक्रम में बोलते हुए, पलानीवेल त्यागराजन ने कहा कि इंजीनियरिंग तमिलों के खून में है। उन्होंने यह भी कहा कि कई सौ साल पहले तमिलों द्वारा बनाए गए बंदरगाह विश्व व्यापारिक केंद्रों के साथ जुड़ाव रखते थे। इसका प्रमाण कीझाडी में मिले रोमन सिक्के हैं। इसके अतिरिक्त, तमिल इंजीनियरों ने कई साल पहले विशाल बांध और अद्भुत मंदिरों का निर्माण किया है।

उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग में तमिलनाडु की प्रगति का कारण केवल परंपरा नहीं है, बल्कि जस्टिस पार्टी द्वारा 1921 में सभी छात्रों के लिए अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का प्रावधान भी है।

इसके अलावा, स्कूलों में मुफ्त भोजन, साइकिल, लैपटॉप जैसी योजनाओं ने शिक्षा को बढ़ावा दिया है, जिसके कारण तमिलनाडु ने उच्च शिक्षा में प्रमुख स्थान हासिल किया है। यहां लगभग 54 प्रतिशत छात्र उच्च शिक्षा में रुचि दर्शाते हैं।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु की जनसंख्या का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन भारतीय इंजीनियरिंग स्नातकों में इसका हिस्सा 20 प्रतिशत है।

तमिलनाडु की आईटी सेवाएं विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। आईटी क्षेत्र में, चेन्नई में काम करने वाले लगभग 80 प्रतिशत कर्मचारी तमिलनाडु से हैं, और कोयंबटूर, मदुरै, और तिरुनेलवेली जिलों में काम करने वाले 100 प्रतिशत कर्मचारी भी इसी राज्य से हैं। तमिलों का प्रभाव न केवल तमिलनाडु में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बढ़ रहा है, विशेषकर तमिलनाडु, बैंगलुरु, और हैदराबाद में स्टार्टअप्स में प्रमुख पदों पर तमिल लोग हैं।

Point of View

हमें यह मानना चाहिए कि तमिलनाडु ने आईटी क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह न केवल इस राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह एकता और विविधता का प्रतीक है, जो भारत को वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से खड़ा करता है।
NationPress
12/09/2025

Frequently Asked Questions

तमिलनाडु में इंजीनियरिंग की परंपरा कब से है?
तमिलों की इंजीनियरिंग की परंपरा सदियों पुरानी है, जिसमें प्राचीन बंदरगाहों और मंदिरों का निर्माण शामिल है।
आईटी क्षेत्र में तमिलों का योगदान क्या है?
तमिलनाडु की आईटी सेवाएं विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं, जहाँ अधिकांश कर्मचारी स्थानीय हैं।