क्या जी20 शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो रहा है, पीएम मोदी किन कार्यक्रमों में शामिल होंगे?
सारांश
Key Takeaways
- जी20 शिखर सम्मेलन आज से शुरू हुआ।
- पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका में मौजूद हैं।
- सम्मेलन के मुख्य विषय हैं आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन।
- द्विपक्षीय बैठकें देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए आयोजित की जा रही हैं।
- यह ग्लोबल साउथ में चौथा जी20 सम्मेलन है।
नई दिल्ली, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग पहुँच चुके हैं। आज से जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो रही है, जिसमें पीएम मोदी कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
जी20 में पीएम मोदी तीनों सत्रों में भाग लेंगे, जिनका विषय समावेशी आर्थिक विकास, जलवायु लचीलापन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस होगा। विदेश मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी जी20 एजेंडे पर भारत की दृष्टि को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेंगे।
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सत्र के विषय में तीन महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। पहला है समावेशी एवं सतत आर्थिक विकास जिसमें कोई पीछे न छूटे: हमारी अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण, व्यापार की भूमिका, विकास के लिए वित्त पोषण और कर्ज का भार। दूसरा विषय है एक मजबूत दुनिया में जी20 का योगदान: आपदा जोखिम में कमी, जलवायु परिवर्तन, सही ऊर्जा बदलाव, और खाद्य प्रणाली। तीसरा विषय है सभी के लिए एक सही और न्यायपूर्ण भविष्य: आवश्यक खनिज, अच्छा कार्य, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस।
इसके अलावा, जी20 समिट के दौरान पीएम मोदी जोहान्सबर्ग में कुछ नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। पीएम मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक से इसकी शुरुआत की।
पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में आयोजित इंडिया-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका (आईबीएसए) लीडर्स मीटिंग में भी भाग लेंगे। यह ग्लोबल साउथ में होने वाला चौथा जी20 सम्मेलन है।
जोहान्सबर्ग में ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज से बातचीत को लेकर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीज के साथ बैठक बहुत सफल रही। इस वर्ष, हमारे देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के 5 वर्ष पूरे हो रहे हैं और इन वर्षों में हमारे सहयोग में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।"
उन्होंने आगे लिखा कि हमारी बातचीत में तीन विशेष क्षेत्रों, रक्षा और सुरक्षा, न्यूक्लियर ऊर्जा, और व्यापार पर जोर दिया गया, जहाँ संबंधों को और मजबूत करने की बहुत संभावनाएँ हैं। इसके अलावा, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, और अन्य कई विषयों पर भी चर्चा हुई।