क्या 5 साल से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों में एंटीबायोटिक प्रतिरोध संभव है?

सारांश
Key Takeaways
- गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
- एंटीबायोटिक प्रतिरोध एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या है।
- दुनिया भर में 4.5 करोड़ बच्चे कुपोषित हैं।
- शोध में 76 फीसदी बच्चों में प्रतिरोधी बैक्टीरिया पाया गया।
- संक्रमण रोकने के लिए सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं।
नई दिल्ली, 2 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 5 साल से कम उम्र के बच्चों में, जो गंभीर कुपोषण का सामना कर रहे हैं, रोगाणुरोधी प्रतिरोधी बैक्टीरिया का जोखिम बढ़ जाता है। यह जानकारी एक नए शोध में सामने आई है।
दुनिया भर में लगभग 4.5 करोड़ बच्चे ऐसे हैं जो गंभीर कुपोषण का शिकार हैं। इन बच्चों में जीवन के लिए घातक संक्रमण जैसे कि टीबी या सेप्सिस होने का खतरा कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र के कारण अधिक होता है। इस अध्ययन को इनिओस ऑक्सफोर्ड इंस्टीट्यूट फॉर एंटीमाइक्रोबियल रिसर्च के शोधकर्ताओं ने किया है।
इस नए शोध में यह बताया गया है कि रोगाणुरोधी प्रतिरोधी बैक्टीरिया इन बच्चों के बीच तेजी से फैल रहा है। दक्षिण अफ्रीका के नाइगर के एक अस्पताल में गंभीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों में यह समस्या अधिक देखी गई है।
यह रिसर्च नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में प्रकाशित की गई है। इसमें बताया गया है कि 76 फीसदी बच्चों में ये बैक्टीरिया पाए गए हैं, जिनमें एक्सटेंडेड स्पेक्ट्रम बीटा लैक्टामैस जीन भी शामिल है, जो अधिकांश एंटीबायोटिक्स को कमजोर कर सकता है।
इस शोध की लेखिका डॉ. क्रिस्टी सैंड्स ने कहा, “ये बच्चे इस दुनिया के सबसे असुरक्षित हैं और हम देख रहे हैं कि इस बैक्टीरिया पर जीवन बचाने वाली एंटीबायोटिक का भी प्रभाव नहीं हो रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, हमारा अध्ययन नाइगर के अस्पताल में किया गया है, लेकिन यह समस्या दुनिया के अन्य अस्पतालों में भी देखी जा सकती है। मानव जनित आपदाएँ जैसे कि युद्ध और जलवायु परिवर्तन की वजह से कुपोषण और एएमआर का बढ़ना जारी है।”
एंटीबायोटिक्स जीवन रक्षक दवाएं होती हैं, जो एएमआर पर प्रभाव नहीं डाल पा रही हैं। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के सहयोग से शोधकर्ताओं ने 5 साल से कम उम्र के 1,371 बच्चों के 3,000 से अधिक रेक्टल स्वाब का अध्ययन किया, जिन्हें गंभीर कुपोषण की समस्या थी। ये बच्चे 2016 से 2017 के बीच भर्ती हुए थे।
इनमें से 70 फीसदी बच्चों में कार्बेपनेम-रेजिस्टेंट बैक्टीरिया पाया गया, जो भर्ती के समय नहीं थे। कार्बेपनेम वह एंटीबायोटिक है, जिसे तब दिया जाता है जब अन्य सभी एंटीबायोटिक्स असफल हो जाती हैं।
शोध में इस समस्या से निपटने के लिए संक्रमण को रोकने और अस्पतालों की सुरक्षा उपायों का मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है ताकि सबसे असुरक्षित बच्चों को बचाया जा सके।