क्या घुसपैठियों के वोटर कार्ड बनाना सही है? डी. राजा ने गृह मंत्री पर उठाए सवाल

सारांश
Key Takeaways
- घुसपैठियों के वोटर कार्ड बनना गंभीर है।
- गृह मंत्री को इस पर जवाब देने की आवश्यकता है।
- चुनाव आयोग को स्वतंत्र रूप से कार्य करना चाहिए।
- दिल्ली में बेदखली के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।
- मतदाता सूची का पुनरीक्षण महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कर रहा है, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि राज्य में बड़ी संख्या में बांग्लादेश और नेपाल के साथ-साथ म्यांमार से आए घुसपैठियों के वोटर आईडी कार्ड भी बनाए गए हैं। इस पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने सवाल उठाया कि ये घुसपैठिए देश में कैसे आए।
डी. राजा ने कहा कि इस मामले का जवाब गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को देना चाहिए।
सीपीआई के महासचिव डी. राजा ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा कि नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के लोग भारत की सीमा सुरक्षा को कैसे पार कर रहे हैं। यह मामला सीधे तौर पर गृह मंत्री अमित शाह के विभाग से संबंधित है और रक्षा बल तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अधीन हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी घुसपैठ कैसे होने दी गई, और इस पर अमित शाह को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को राजनाथ सिंह से पूछना चाहिए कि ऐसी घुसपैठ कैसे संभव हुई और वे इस पर क्या कदम उठा रहे हैं। चुनाव आयोग को एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था के रूप में कार्य करना चाहिए और किसी भी सत्ताधारी व्यक्ति के प्रभाव में नहीं आना चाहिए। मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण लोगों को भारी कठिनाइयों में डाल रहा है। ऐसे में इसे रोककर 2024 के चुनावी नियमों के आधार पर चुनाव कराने की आवश्यकता है।
दिल्ली सरकार आपातकाल के दौरान मेंटेनेन्स ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा) के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों से जुड़े गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की तैयारी कर रही है। इस पर डी. राजा ने कहा कि दिल्ली सरकार के दस्तावेज जारी करने के पीछे राजनीतिक और प्रशासनिक उद्देश्य क्या हैं, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को दिल्ली के लोगों के जीवन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। दिल्ली में कई कॉलोनियों में लोगों को बेदखल करने के लिए बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। ऐसे लोगों के पास न तो रहने के लिए घर है, न ही पानी और बिजली की उचित आपूर्ति। दिल्ली में इस प्रकार की कई समस्याएं हैं, जिससे जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।