क्या पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में ग्लेशियर फटने से 300 से अधिक घरों को नुकसान हुआ?

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क्या पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में ग्लेशियर फटने से 300 से अधिक घरों को नुकसान हुआ?

सारांश

गिलगित-बाल्टिस्तान में ग्लेशियर के फटने से आई बाढ़ ने 300 से ज्यादा घरों को नष्ट किया। जान-माल का नुकसान नहीं होने के बावजूद स्थानीय लोग भयभीत हैं। राहत कार्य जारी हैं, लेकिन प्राकृतिक बांध की अस्थिरता चिंता का विषय है। जानें इस आपदा के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • ग्लेशियर फटने के कारण भारी बाढ़ आई।
  • 300 से अधिक घर नष्ट हुए हैं।
  • कोई जन हानि नहीं हुई है।
  • स्थानीय प्रशासन राहत कार्य कर रहा है।
  • प्राकृतिक बांध अस्थिर है।

इस्लामाबाद, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान के गिजर जिले में ग्लेशियर फटने के कारण भूस्खलन और भीषण बाढ़ ने 300 से अधिक घरों और कई दुकानों को नष्ट कर दिया।

गिजर जिले में हिमनद झील के विस्फोट से शुक्रवार सुबह आई बाढ़ ने कई गांवों में भारी तबाही मचाई, जिससे कई क्षेत्र जलमग्न हो गए और आर्थिक नुकसान हुआ। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

शुक्रवार तड़के अचानक हुए भूस्खलन और उसके बाद आए ग्लोफ (जीएलओएफ) ने रौशन और तिल्दास गांवों को प्रभावित किया। इसके परिणामस्वरूप बनी कृत्रिम झील ने कृषि भूमि को जलमग्न कर दिया और सड़क नेटवर्क के कई हिस्से बह गए।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रौशन गांव का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा इस आपदा में बह गया।

जियो न्यूज के अनुसार, शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि अस्थायी झील का जलस्तर कम हुआ है, जिससे राहत मिली है और आगे के नुकसान की आशंका कम हुई है।

बाढ़ ने तिल्दास, मिदुरी, मुलाबाद, हॉक्स थांगी, रौशन और गोथ गांवों में कुल 330 घरों को प्रभावित किया, जबकि दर्जनों दुकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा।

एडीसी गुपिस यासीन ने बताया कि विस्थापित परिवारों के लिए टेंट, खाद्य आपूर्ति और अन्य राहत सामग्री की तत्काल आवश्यकता है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, गिलगित-बाल्टिस्तान के गिजर जिले में हिमनद झील विस्फोट से आई बाढ़ ने स्थानीय निवासियों में दहशत फैला दी है। राहत-बचाव अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस आपदा के बाद कम से कम 200 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।

घिजर के वरिष्ठ अधिकारी शेर अफजल ने कहा कि कुछ ऊपरी घर अभी भी जलमग्न हैं, लेकिन स्पिलवे खुलने के बाद हजारों अतिरिक्त घरों में बाढ़ आने की आशंका कम हुई है।

हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी है कि प्रभावित क्षेत्रों से पानी पूरी तरह से निकलने में समय लगेगा।

अधिकारियों ने आगे चेतावनी दी है कि रौशन में प्राकृतिक बांध अस्थिर बना हुआ है और दबाव के कारण टूट सकता है।

पाकिस्तान मौसम विभाग (पीएमडी) ने शनिवार, 23 अगस्त से बारिश के पूर्वानुमान के साथ, हिमाच्छादित क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी किया है।

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ऐसी चार घटनाओं ने गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की घाटियों में घरों, फसलों और महत्वपूर्ण सड़क संपर्कों को पहले ही भारी नुकसान पहुंचाया है।

Point of View

NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

गिलगित-बाल्टिस्तान में यह घटना कब हुई?
यह घटना 23 अगस्त को हुई थी।
इस आपदा में कितने घर नष्ट हुए?
300 से अधिक घर नष्ट हुए हैं।
क्या इस आपदा में कोई जन हानि हुई?
अधिकारियों के अनुसार, इस आपदा में किसी भी प्रकार की जन हानि की खबर नहीं है।
स्थानीय प्रशासन की क्या प्रतिक्रिया है?
स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और विस्थापित परिवारों के लिए सहायता प्रदान कर रहा है।
क्या भविष्य में और बाढ़ की संभावना है?
हां, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रौशन में प्राकृतिक बांध अस्थिर है।