क्या गोपाल कृष्ण देवधर का जीवन नैतिक चेतना, शिक्षा और सेवा का प्रतीक है?

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क्या गोपाल कृष्ण देवधर का जीवन नैतिक चेतना, शिक्षा और सेवा का प्रतीक है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि गोपाल कृष्ण देवधर ने स्वतंत्रता संग्राम में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई? उनके जीवन और कार्यों ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक जागरूकता में भी एक नई दिशा दी। इस लेख में जानें गोपाल कृष्ण देवधर की प्रेरणादायक कहानी।

Key Takeaways

  • गोपाल कृष्ण देवधर का जीवन नैतिकता और सेवा का प्रतीक है।
  • उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • उनकी संस्थान 'सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी' ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • वे समाज के प्रति समर्पण का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।
  • उनकी सोच और कार्य आज भी प्रेरणा देते हैं।

नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत की आजादी की लड़ाई केवल राजनीतिक गतिविधियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि यह एक सामाजिक और नैतिक जागरण की गाथा भी है। इस जागरूकता के अग्रदूतों में से एक थे गोपाल कृष्ण देवधर, जिन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ मिलकर पुणे में ‘सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी’ की स्थापना की।

गोपाल कृष्ण देवधर का जन्म २१ अगस्त १८७१ को पुणे में हुआ। वे मुंबई विश्वविद्यालय से मराठी में वैकल्पिक विषय के साथ एमए करने वाले पहले छात्र बनें।

उन्होंने मुंबई के आर्यन एजुकेशन सोसायटी स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्य किया और १९०० में उसी स्कूल के प्रधानाचार्य बने। १९०४ के आस-पास, वे गोपाल कृष्ण गोखले के संपर्क में आए और उनके साथ मिलकर ‘भारत सेवक समाज’ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सन १९१८ में, जब प्रसिद्ध शिक्षाविद् प्राचार्य टी.ए. कुलकर्णी द्वारा स्थापित न्यू इंग्लिश स्कूल, मुंबई को एक संगठित शैक्षिक संस्था में परिवर्तित किया जा रहा था, गोपाल कृष्ण देवधर और श्रमिक नेता एनएम जोशी ने इस कार्य में मार्गदर्शन और समर्थन प्रदान किया।

दोनों ही सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी के समर्पित सदस्य थे, जो गोपाल कृष्ण गोखले की प्रेरणा से राष्ट्र सेवा में जुटे थे।

‘गोखले शिक्षा सोसायटी’ की वेबसाइट पर उल्लेख है कि देवधर ने प्राचार्य कुलकर्णी को सलाह दी कि विद्यालय को एक व्यवस्थित शैक्षिक संस्था के रूप में विकसित किया जाए। इसी विचार से प्रेरित होकर, १९ फरवरी १९१८ को, जो गोपाल कृष्ण गोखले की तीसरी पुण्यतिथि भी थी, “गोखले एजुकेशन सोसायटी” की स्थापना की गई। इस उद्घाटन अवसर पर गोपाल कृष्ण देवधर और एनएम जोशी दोनों उपस्थित थे।

भारतीय संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, इस सोसायटी की स्थापना इस विश्वास के साथ की गई थी कि यदि जनसाधारण को मुक्त करना है, तो निस्वार्थ और बुद्धिमान कार्यकर्ताओं का एक समूह होना चाहिए, जो अपना जीवन राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दे।

इस संस्था के स्वयंसेवकों को राष्ट्रवादी मिशनरी बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था, जिन्होंने त्याग की शपथ ली। इस प्रकार, उन्होंने स्वार्थ, अभिमान और प्रसिद्धि के सभी विचारों को त्याग दिया और अपने कार्य और कर्तव्य के प्रति समर्पित हो गए। गोपाल कृष्ण देवधर, नटेश अप्पाजी द्रविड़ और अनंत विनायक पटवर्धन जैसे विचारशील और समर्पित सहयोगियों के साथ इस संगठन के संस्थापक और आजीवन सदस्य बने।

वास्तव में, यह सोसायटी देश का पहला धर्मनिरपेक्ष संगठन माना जाता था, जिसने वंचितों, ग्रामीणों और आदिवासी लोगों सहित अन्य सामाजिक कार्यों के लिए खुद को समर्पित किया। इस सोसायटी ने कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जनसाधारण के एकीकरण में प्रत्यक्ष मदद मिली।

इस प्रकार, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले और ‘सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी’ के सक्रिय सदस्य गोपाल कृष्ण देवधर का जीवन, उनके विचार और समाज के प्रति उनका समर्पण आज भी प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

Point of View

बल्कि यह नैतिक और सामाजिक जागरण का भी विषय है। उनका योगदान आज भी हमें प्रेरित करता है और हमें अपने समाज की सेवा के लिए प्रेरित करता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

गोपाल कृष्ण देवधर का जन्म कब हुआ?
गोपाल कृष्ण देवधर का जन्म २१ अगस्त १८७१ को पुणे में हुआ।
उन्होंने 'सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी' की स्थापना कब की?
'सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी' की स्थापना १९०५ में गोपाल कृष्ण गोखले के साथ मिलकर की गई।
गोपाल कृष्ण देवधर ने शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान दिया?
उन्होंने मुंबई के आर्यन एजुकेशन सोसायटी स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्य किया और बाद में प्रधानाचार्य बने।
उनका योगदान भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में क्या था?
गोपाल कृष्ण देवधर ने भारत सेवक समाज की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने सामाजिक जागरूकता की दिशा में कार्य किया।