क्या धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर संभव है? मंत्री सुनील कुमार

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क्या धार्मिक पर्यटन स्थलों का विकास प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर संभव है? मंत्री सुनील कुमार

सारांश

गोपालगंज में इको पर्यटन पार्क का निर्माण एक नई दिशा में पर्यावरण संरक्षण और धार्मिक पर्यटन का अद्भुत संगम है। मंत्री सुनील कुमार ने इस परियोजना की विस्तृत जानकारी दी, जो स्थानीय रोजगार और पर्यटकों के लिए नए अवसर प्रदान करेगी। यहाँ जानें इस पार्क के अद्वितीय पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • इको पर्यटन पार्क का निर्माण पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा।
  • यह धार्मिक स्थलों को इको पर्यटन से जोड़ेगा।
  • स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी।
  • पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
  • यह परियोजना बिहार के पर्यटन क्षेत्र में नई पहचान बनाएगी।

गोपालगंज, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने और स्थानीय पर्यटन को नई दिशा देने के लिए बिहार के गोपालगंज जिले के थावे में इको पर्यटन पार्क का निर्माण किया जा रहा है।

इस परियोजना का शिलान्यास शनिवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री सुनील कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह इको पर्यटन पार्क न केवल जिले के निवासियों को मनोरंजन और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कराएगा, बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र में भी अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करेगा।

इस अवसर पर मंत्री कुमार ने कहा कि इस पार्क का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के करीब लाना, धार्मिक विरासत से जोड़ना और सतत विकास के साथ हरित पर्यटन को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने बताया कि 29 एकड़ भूमि में 1987-88 में गहन पौधारोपण किया गया था, जिसके फलस्वरूप आज यहां बड़े पैमाने पर जंगल विकसित हो चुके हैं। अब हम खाली क्षेत्र में इको पार्क और घने जंगल वाले क्षेत्र में स्पेस वॉकवे ट्रैक का निर्माण कर रहे हैं। यह पर्यटकों को एक अलग अनुभव प्रदान करेगा और ऐतिहासिक महत्ता के साथ आधुनिकता का समागम होगा।

कुमार ने कहा कि उनकी योजना बिहार के धार्मिक स्थलों को भी इको पर्यटन से जोड़कर विकसित करने की है, जिनका पौराणिक महत्व रहा है। उन्होंने बक्सर में विश्वामित्र पार्क बनाने की पहल की और माता मुंडेश्वरी मंदिर के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन के कार्यों का उद्घाटन किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने हाल ही में गुप्ता धाम के सौंदर्यीकरण की शुरुआत की है।

मंत्री ने कहा कि इस परियोजना में आधुनिकता और प्राकृतिक आकर्षण का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इसमें एक ओपन एम्पीथिएटर बनाया जाएगा, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम और जन जागरूकता से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया जा सकेगा। साथ ही आगंतुकों के लिए पार्क में कैफेटेरिया का भी निर्माण किया जाएगा। बच्चों के मनोरंजन के लिए एक प्ले जोन विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगा, जहां सुरक्षित और रोचक खेल उपकरण स्थापित किए जाएंगे। पार्क की सुरक्षा और सौंदर्य बढ़ाने के लिए बैम्बू फेंसिंग और बैम्बू संरचना का निर्माण किया जाएगा। जिपलाइन और लंगूर नेट जैसी साहसिक गतिविधियाँ युवाओं और पर्यटकों के बीच खास आकर्षण होंगी।

वहीं, साइकिल शेड और वॉकवे स्वास्थ्य प्रेमियों को प्रकृति के बीच सैर का अवसर प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि यहां बर्ड वॉचिंग की विशेष व्यवस्था की जाएगी, जहां पक्षी प्रेमी प्राकृतिक वातावरण में दुर्लभ प्रजातियों का अवलोकन कर सकेंगे। इस इको पार्क से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और छोटे व्यवसायों तथा पर्यटन गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बताया कि एनडीए सरकार सृजन, विकास और सुशासन का प्रतीक रही है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में आज समेकित विकास और सामूहिक प्रयास से भारत तरक्की की नई गाथा लिख रहा है।

Point of View

बल्कि यह स्थानीय पर्यटन को भी नई दिशा देगा। बिहार के धार्मिक स्थलों को इको पर्यटन से जोड़ना एक सकारात्मक कदम है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है। यह विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो देश के समग्र विकास में योगदान दे सकती है।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

इको पर्यटन पार्क का उद्देश्य क्या है?
इस पार्क का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण, धार्मिक विरासत से जुड़ाव, और हरित पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।
इस परियोजना में क्या विशेषताएँ होंगी?
इसमें ओपन एम्पीथिएटर, कैफेटेरिया, प्ले जोन, और साहसिक गतिविधियाँ शामिल हैं।
स्थानीय रोजगार पर इसका क्या प्रभाव होगा?
इस इको पार्क से स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी और छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलेगा।
पर्यटन के लिए यहाँ क्या आकर्षण होंगे?
जंगल, स्पेस वॉकवे, बर्ड वॉचिंग, और एडवेंचरस गतिविधियाँ यहाँ के मुख्य आकर्षण होंगे।
यह परियोजना कब शुरू हुई?
इस परियोजना का शिलान्यास 20 सितंबर को मंत्री सुनील कुमार द्वारा किया गया।